December 24, 2024

आरटीई राशि भुगतान के लिए डीईओ को सौंपा ज्ञापन

कोरबा 20 जुलाई। शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को प्रदान की जा रही निःशुल्क शिक्षा में सहयोग प्रदान कर रहे निजी स्कूल समस्या में हैं। अपनी समस्याएं लेकर निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने योजना के तहत शासन से प्रदान की जाने वाली राशि का भुगतान यथाशीघ्र कराए जाने का आग्रह किया है।

आरटीई की राशि का भुगतान जल्द कराने, सरकारी स्कूल में बिना टीसी प्रवेश पर रोक लगाने समेत अन्य मांग जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज के समक्ष रखी गई। जिला स्तरीय निजी स्कूल संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को डीईओ से मुलाकात कर कहा कि जिले में लगभग 285 निजी स्कूल संचालित हैं। दो वर्षो से कोरोना काल होने के कारण निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। स्कूलों में कई समस्याएं व्याप्त है। इनमें कोरोना काल निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बिलासपुर डिपो से किताब लाना मुश्किल है, इसलिए किताब कोरबा डिपो या संकुल स्तर पर प्रदान किया जाना चाहिए। सरकारी स्कूलों में बिना टीसी प्रवेश जारी है, इसे रोक लगाना चाहिए। वहीं निजी स्कूलों में बिना टीसी प्रवेश प्रतिबंधित है। आरटीई का राशि भुगतान होने से स्कूलों के टीचर व स्टाफ को वेतन का भुगतान करने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल पूरी तरह नहीं खुल जाते हैं, तब तक निजी स्कूलों को संपर्क क्लास, पारा टोला क्लास लगाने की अनुमति दी जाए। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष परमेश्वर देवांगन, सचिव शिवशंकर जायसवाल, कोषाध्यक्ष अजय दुबे व सदस्य अनिता साहू उपस्थित रही।
शिक्षा के अधिकार के तहत निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने शासन की ओर से प्रति विद्यार्थी पर प्रति वर्ष अधिकतम सात हजार रुपये का शिक्षण शुल्क जारी करती है। यह राशि निजी स्कूलों को प्रदान की जाती है, जिसमें शिक्षा की धारा अनवरत जारी रखने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को परेशानी न हो। ऐसे परिवार में बच्चों के लिए अध्ययन-अध्यापन के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखते हुए योजना का क्रियान्वयन शासन की ओर से किया जा रहा है। योजना के अनुरूप निजी स्कूलों को मिलने वाला यह शासकीय सहयोग रुक जाने से संस्थाओं को परेशानी हो रही है।

शिक्षा के निःशुल्क एवं अनिवार्य अधिकार के तहत शासन की ओर से जरूरतमंद वर्ग के बच्चों को भी उत्कृष्ट शिक्षण वाले निजी क्षेत्र के स्कूलों में दाखिला प्रदान करने की यह योजना संचालित की जा रही। योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में निजी शिक्षण संस्थाओं में दाखिला प्राप्त कर जिले में करीब 12 हजार बच्चे निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आर्थिक मुश्किलों के जूझते हुए बच्चों को शासन की ओर दी गई योजना का लाभ लेकर उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्हें अपना भविष्य बेहतर करने यह व्यवस्था मददगार साबित हो रही है। निर्धन वर्ग के लिए भी अच्छी शिक्षा लेकर सफल होने का सपना पूरा हो रहा।

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