विभाग के आदेश दरकिनार कर निजी स्कूल ने वसूला वार्षिक शुल्क
कोरबा 2 अगस्त। शासन की ओर से स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। लंबे समय बाद आफलाइन कक्षाएं व शिक्षण कार्य शुरू करने की तैयारी हो रही। पर एक निजी स्कूल ने शासन की अनुमति के पहले ही न केवल शिक्षण शुल्क लिया, विभाग के आदेश की अवहेलना करते हुए पालक से वार्षिक शुल्क भी वसूल लिए। पालक ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है।
जिला प्रशासन से यह शिकायत न्यू पोड़ी बहार के नर्सिंग गंगा कालोनी में रहने वाले पालक हेमंत कुमार गौतम ने की है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से 21 जून को अशासकीय विद्यालयों के लिए एक आदेश जारी किया गया था। इसमें स्पष्ट रूप से निजी स्कूलों को केवल शिक्षण शुल्क ही लिए जाने का उल्लेख किया गया था। इस निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए न्यू एरा प्रोग्रेसिव स्कूल में उनसे शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त वार्षिक शुल्क भी लिया जा गया है। हेमंत ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करें और अगर यह उचित नहीं, तो स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जाए। हेमंत ने 12 हजार 720 रुपये भुगतान करने 30 जून को जारी एक रसीद भी दिखाई, जिसमें कक्षा पहली के लिए शिक्षण शुल्क के रूप में पांच हजार 320 रुपये के अलावा सात हजार 400 रुपये का वार्षिक शुल्क जमा कराए जाने की जानकारी दर्ज है। इस संबंध में जानकारी लेने न्यू एरा के प्राचार्य डीएस राव के मोबाइल नंबर पर काल किया गया पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।
डीईओ के निर्देश को कहा भ्रम फैला रहा विभागः-हेमंत ने बताया कि इस संबंध में जब उन्होंने न्यू एरा स्कूल प्रबंधन ने पूछा और प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी निर्देश की कापी दिखाई, तो उनका कहना था कि यह भ्रम पैदा किए जाने वाला आदेश है। हेमंत ने कहा कि उन्होंने प्रशासन के समक्ष यह भ्रम की स्थिति दूर करने और कोरोनाकाल में शासन से पालकों को दी गई राहत का लाभ उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
राचार्य ने कहा. शुल्क लेने सुप्रीम कोर्ट का आदेशः-पालक ने बताया कि प्राचार्य यहीं नहीं रुके। उन्होंने हेमंत को सुप्रीम कोर्ट की केस फाइल का हवाला देते हुए कागज दिखाया और कहा कि उनके पास शिक्षण एवं वार्षिक शुल्क लेने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। इसलिए यह शुल्क लिया जा रहा। उपका कहना था कि अन्य स्कूलों ने भी पालकों को वार्षिक शुल्क लेने के लिए नोटिस दिया है। यह आदेश निकालकर जिला शिक्षा अधिकारी भ्रम फैला रहे हैं।
वर्जनः-शासन के दिशा-निर्देश अनुरूप केवल शिक्षण शुल्क लिए जाने का प्रावधान है। अगर स्कूल ने वार्षिक शुल्क भी ले लिया है, तो इसकी जांच की जाएगी। पालक की ओर से अब तक कोई लिखित शिकायत शिक्षा कार्यालय को नहीं मिली है।
जीपी भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी