जीवन दीप समिति के कर्मियों का बढ़ेगा मानदेय, स्कूली बच्चों के मेडिकल सर्टिफिकेट निःशुल्क बनेंगे
कलेक्टर श्रीमती साहू की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई जेडीएस की बैठक, लिए गये निर्णय
कोरबा 20 जनवरी। जिला अस्पताल में जीवन दीप समिति के माध्यम से काम कर रहे लगभग 74 कर्मचारियों का वेतन बढ़ेगा। इसके साथ ही नवोदय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय जैसे आवासीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले स्कूली छात्र-छात्राओं के मेडिकल सर्टिफिकेट निःशुल्क बनेंगे। ऐसे विद्यार्थियों को अब मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए जिला मेडिकल बोर्ड को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की अध्यक्षता में आज हुई जीवन दीप समिति की बैठक में यह निर्णय लिये गये हैं। वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक, जिला पंचायत के सीईओ श्री नूतन कवंर, समिति के सचिव और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. के.एल.धु्रव, सीएमएचओ डॉ. बी.बी.बोडे, नगर निगम आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय, सदस्य डॉ. देवेन्द्र गुर्जर एवं अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में जीवनदीप समिति के माध्यम से नियोजित अंशकालीन कर्मचारियों की मानदेय वृद्धि पर गहन चर्चा हुई। समिति के सचिव डॉ. के.एल.धु्रव ने बताया कि मरीजों के पंजीयन और अन्य शुल्कों से समिति को प्रतिमाह लगभग साढ़े आठ लाख रूपये की आय होती है। इस आय के मुकाबले प्रतिमाह का व्यय लगभग 13 लाख रूपये का है। कलेक्टर श्रीमती साहू ने आय-व्यय को ध्यान में रखते हुए जीवनदीप समिति के कर्मियों की कार्य अवधि के आधार पर मानदेय वृद्धि का सुझाव दिया। बैठक में सर्व सम्मति से तय किया गया कि 10 वर्ष से अधिक की सेवा अवधि वाले जेडीएम कर्मियों का मानदेय एक मुश्त प्रतिमाह एक हजार रूपये बढ़ाया जायेगा। दस वर्ष से कम सेवा अवधि वाले कर्मियों का मानदेय पांच सौ रूपये प्रतिमाह बढ़ाया जायेगा। समिति के इस निर्णय से जिला अस्पताल में काम कर रहे लगभग 74 कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। बैठक में कोविड कॉल के दौरान ईएसआईसी अस्पताल, आईसीयू और कोविड सेम्पलिंग के लिए नियोजित किए गये अंशकालीन स्वास्थ्य कर्मियों को भी मानदेय देने पर सहमति बनी। जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधा और आकस्मिक ईलाज के समय उपयोग के लिए खरीदे गये पावर जनरेटर के बिल भुगतान को भी बैठक में मंजूरी मिली।
बैठक में नवोदय विद्यालय, एकलव्य आवासीय विद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों में प्रवेश करने वाले जिले के मेधावी विद्यार्थियों को मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए शुल्क छूट पर भी निर्णय लिया गया। ऐसे विद्यार्थियों को यह छूट मेडिकल बोर्ड से सर्टिफिकेट बनवाने पर ही मिलेगी। पहले ऐसे विद्यार्थियों को फिटनेश सर्टिफिकेट बनाने के लिए मेडिकल बोर्ड में 520 रूपये शुल्क पटाना पड़ता था। बैठक में निर्णय के बाद अब इन विद्यार्थियों को यह शुल्क नहीं पटाना पड़ेगा।