नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर भू-विस्थापितों का आंदोलन 22वें दिन भी जारी
0 आईटीआई चौक में परिवार सहित धरना प्रदर्शन कर रहे हैं प्रभावित
कोरबा। एनटीपीसी प्रभावित विस्थापित नौकरी और मुआवजा की मांग लेकर आईटीआई तानसेन चौक में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है। उनका कहना है कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। 22वें दिन भी उनका आंदोलन जारी रहा।
नौकरी, बची जमीन का मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर ग्राम चारपारा के 6 भू-विस्थापित राजन पटेल, विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, गणेश कुमार केवट, राकेश कुमार केवट, घसिया राम केवट अपने परिवार के सदस्यों के साथ 22 अप्रैल से अनिश्चितकालीन आंदोलन में डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आंदोलन के 22 दिन बाद भी एनटीपीसी प्रबंधन गंभीर नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके द्वारा सन् 1979 में आम सूचना जारी कर कहा गया था कि राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना निगम ने स्वीकार किया है कि प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को जिनकी भूमि परियोजना हेतु अधिग्रहित की गई है क्रमिक रूप से शैक्षणिक व अन्य योग्यताओं के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाएगा। परियोजना का निर्माण कार्य जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा रोजगार के अवसर भी बढ़ते जाएंगे। इसके अनुसार उन्हें क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जाएगा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि चारपारा के लगभग 300 परिवार में से अब तक मात्र 38 लोगों को ही नौकरी दी गई है। अंतिम में 5 लोगों को सन् 2000 में नौकरी दिया गया है। जमीन दिये आज लगभग 44 वर्ष हो रहा है। इसके बाद भी परिवार के किसी एक सदस्य को खाते अनुसार एनटीपीसी कोरबा में नौकरी नहीं दी गई है। परियोजना का निर्माण कार्य करते हुए 2009 तक 2100 मेगावाट था और सन् 2010 में 500 मेगावाट निर्माण किया गया। उसे मिलाकर अब तक 2600 मेगावट तक बना चुके हैं। प्लांट का विस्तार हो गया है परन्तु भूविस्थापितों को नौकरी नहीं दिया गया। प्रभावितों ने कहा कि जब से प्लांट की शुरुआत की गई उस समय 2000 से अधिक कर्मचारी थे। 2011 आते तक लगभग 1700 कर्मचारी और आज 2023 में लगभग 650 कर्मचारी हो गये हैं। कर्मचारी की संख्या कम होती गई परन्तु भू-विस्थापितों द्वारा नौकरी की मांग किये जाने पर रिक्तियां नहीं है कहा जाता है। सीपत व अन्य एनटीपीसी भू-विस्थापितों को एनटीपीसी कोरबा में ट्रेनिंग कराने के नाम से नौकरी दिया जा रहा है। ग्राम चारपारा के लगभग 950 एकड़ जमीन में 771.28 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है की जानकारी एनटीपीसी कोरबा ने दी है। इसमें 771.28 एकड़ जमीन में ही बिना जानकारी दिए बचे जमीन का कब्जा किया गया और आज तक मुआवजा व क्षतिपूर्ति नहीं दिया गया है, इसलिए प्रशासन से मांग है कि एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित चारपारा के लगभग संपूर्ण जमीन और मुआवजा पत्रक व वितरण पत्रक 13, 17, 18, 22 तथा आम सूचना व अन्य सूचना की जांच करवा कर आवेदकों को नौकरी व बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति राशि दिलवाए। उनका कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती है तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा।