November 22, 2024

जंगल विभाग में जंगल राज: वन विभाग की जमीन पर बेजा कब्जा का प्रयास, राजस्व विभाग ने लगाई रोक

कोरबा 23 अगस्त। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला अंतर्गत कटघोरा वन मण्डल में जंगल राज चल रहा है। इसी का नतीजा है कि पाली रेंज के नोनबिर्रा गांव में वन भूमि के सैकड़ों अर्द्ध विकसित पेड़ काट दिए गए और वन भूमि पर कब्जा का प्रयास किया गया। हालांकि राजस्व विभाग के हस्तक्षेप से इस प्रयास को विफल कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार गांव के कुछ दबंगों द्वारा बेजा कब्जा की नीयत से वनभूमि पर लगे सैकड़ों छोटे-बड़े वृक्षों को देखते ही देखते बेदर्दी दे काट दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने जब इसका विरोध किया तब अतिक्रमणधारियों द्वारा ग्रामीणों को दबंगई दिखाते हुए जमकर डराया-धमकाया गया।मामले में ग्रामीणों की मौखिक शिकायत के आधार पर मौके पर पहुँचे नायब तहसीलदार द्वारा निरीक्षण व जांच उपरांत डीएफओ को उचित कार्यवाही हेतु जांच प्रतिवेदन भेजने के साथ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी पाली को भी पत्र लिखा गया है।

बताया जा रहा है कि कटघोरा वनमंडल के पाली वनपरिक्षेत्र के अधीन ग्राम नोनबिर्रा के आश्रित खल्लारीपारा में स्थित वनभूमि कंपाटमेंट क्रमांक- 597 पर लगे साल, तेंदू, चार, महुआ आदि के लगभग डेढ़ से दो हजार छोटे-छोटे वृक्षों को गाँव के ही निवासी अशोक पिता लक्ष्मण, बंशी पिता बुद्धू व लखन सहित अन्य लोगों द्वारा अतिक्रमण करने की नीयत से दबंगई पूर्वक काट डाला गया। जब अन्य ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध किया गया, तब उक्त दबंगों ने गाली-गलौज और मारपीट की बात कहकर ग्रामीणों को डराया-धमकाया।मामले की मौखिक शिकायत के बाद मौके पर पहुँचे नायब तहसीलदार पाली एम एस राठिया द्वारा निरीक्षण और ग्रामीणों से पूछताछ उपरांत वनभूमि पर लगे हजारों वृक्षो को अवैध कब्जा की नीयत से काटा जाना पाया गया। मामले में नायब तहसीलदार द्वारा जांच कर छोटे-छोटे पेड़ पौधों व वृक्षों को काटे जाने वाले व्यक्तियों पर वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत उचित कार्यवाही हेतु कटघोरा डीएफओ श्रीमती शमा फारुखी को जांच प्रतिवेदन भेजा गया है साथ ही अतिक्रमणधारियों द्वारा ग्रामीणों को डराए- धमकाए जाने को लेकर परिशांति भंग किये जाने के मामले में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107, 116 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु पाली थाना प्रभारी को प्रपत्र जारी किया गया है। वहीं काटे गए पेड़ पौधों व वृक्षों को वनरक्षक राजेन्द्र कुमार द्विवेदी व सरपंच प्रेमलाल के सुपुर्द किया गया है।
राजस्व विभाग की इस कार्रवाई से फिल वक्त वन भूमि पर बेजा कब्जा तो रुक गया है, लेकिन यह समझने की बात है कि वन भूमि में पेड़ों की अवैध कटाई और अतिक्रमण का यह प्रयास विभागीय सांठगांठ के बगैर संभव नहीं हो सकता। लिहाजा पुलिस विभाग की जांच में इस बिन्दु को भी शामिल किया जाना चाहिए और पूरी सच्चाई को सामने लाना चाहिए। याद रहे कि कटघोरा वन मण्डल में इन दोनों एक के बाद एक कि भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। इन मामलों में विभाग से निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसीलिए पुलिस विभाग को पेड़ कटाई मामले में थ तक जाकर कार्रवाई करना चाहिए।

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