November 7, 2024

अलौकिक और नयनाभिराम भगवान राम के साथ मैय्या सीता और लक्ष्मण भी विराजे श्रीराम दरबार के गर्भगृह में

0 सबसे पहले विघ्नहर्ता की प्राण प्रतिष्ठा, फिर सियाराम, लक्ष्मण के साथ राम भक्त हनुमान सहित नौ देवताओं की अनुपम मूर्तियां स्थापित
0 जगद्गुरु शंकराचार्य के साथ विद्वान आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजता रहा राम दरबार

कोरबा।
सोमवार की सुबह से राम दरबार परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार से कोरबा की पुण्य धरा धन्य हो गई। ऐसा लग रहा था कि सीता मैय्या और भगवान राम के स्वागत के लिए धरती और आसमान में रहने वाले अपने नयनों को विराम नहीं देना चाहते और टकटकी लगा कर उस समय का इंतजार कर रहे थे कि कब भगवान राम और सीता मैय्या की अलौकिक और नयनाभिराम मूर्तियों का दर्शन होगा और सियाराम गर्भगृह में पधारेंगे। दोपहर सवा बारह बजते ही विद्वान आचार्यों के श्रीमुख से वैदिक मंत्र बोल रहे थे। वैदिक मंत्रों से सियाराम सहित अन्य देवी-देवताओं आह्वान किया जा रहा था और करीब 1.30 बजे भगवान राम की अलौलिक मूर्ति दिखी और गर्भगृह में सदा के लिये विराजमान हो गये।

इस अवसर पर जगद्गुरु ने कहा कि भारत देवी-देवताओं की पुण्य भूमि है और यहां धार्मिक कर्म कांड का विशेष महत्व होता है। जिनके घरों में पूजा पाठ के लिये उपयुक्त स्थल नहीं होता वे मंदिरों में जाकर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। घर या मंदिरों में सुबह शाम शंखनाद एवं आरती तथा घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सभी दोष दूर होते हैं। मंदिर या देव स्थल से समाज में नैतिकता, सदाचार और श्रद्धा का भाव निर्मित होता है और जीवन में संस्कार फलीभूत होते है और आदर्श समाज का निर्माण होता है। सुबह शाम शंखनाद हमें उपासना के समय का ज्ञात कराता है। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सबसे पहले भगवान राम, सीता मैय्या और लक्ष्मण के साथ नीचे में बैठे रामभक्त हनुमान के दैदिव्यमान ललाटों पर तिलक लगा कर आरती उतारी और साथ में खड़े कोरबा विधायक एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सपत्नीक एवं परिवार सहित दैदिव्यमान मूर्तियों की आरती उतारी। सबसे पहले विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश की मूर्ति को प्रतिष्ठित किया गया और आह्वान किया गया कि हमारा काम काज सफल हो। फिर मंत्रोच्चार के साथ राम, सीता और लक्ष्मण तथा रामभक्त हनुमान की मूर्तियों को प्रतिष्ठित किया गया। गर्भगृह में भगवान राम के विराजमान होने के बाद शिव पार्वती सहित कुल नौ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गयी।
0 हजारों लोग बने गवाह- चीरस्थायी हुआ भव्य समारोह

राम दरबार में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना का यह भव्य धार्मिक समारोह सदा के लिये चीरस्थायी हो गया और यह भव्य समारोह कोरबा के पटल पर सदा के लिए अंकित हो गया। यह धार्मिक समारोह सदा के लिये लोगों के लिये चीरस्थायी बनने के साथ अनुपम आलेख भी खींच गया। कोरबा के कोने कोने से लोग पधारे और कोरबा सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से आये हजारो श्रद्धालु इस कार्यक्रम के गवाह बने।
0 ऐतिहासिक कलश यात्रा से राममय हुआ कोरबा

भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व निकाली गयी कलश यात्रा भी ऐतिहासिक थी। कोरबा की चारों दिशाओं से पधारी नारी शक्ति हजारों की संख्या में कलश सिर पर रख कर जब राम दरबार पहुंचीं तो नजारा देखने लायक था। ऐसा लग रहा था कि नारी शक्ति से परिसर में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। ऐसी कलश यात्रा शायद कोरबा में पहली बार देखने को मिली। राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ही कोरबा कलश यात्रा से राममय हो गया। कलश यात्रा के सामने कर्मा नृत्यदल ढोल नगाड़ों के साथ आगे आगे चल रहा था और कलश यात्रा के पीछे पीछे जन सैलाब भी था।
0 भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होते ही दर्पण चटक गया
भगवान राम और अगल बगल सीता तथा लक्ष्मण की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही तब विधान के अनुसार जब राम के नयन के सामने दर्पण दिखाया गया तो दर्पण चटक गया। देखने वाले सभी ने इसे सौभाग्य का द्योतक समझा। विधान के अनुसार मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के समय जब मूर्ति का अनावरण किया जाता है तो दर्पण दिखाया जाता है, ताकि मूर्ति की सकारात्मक ऊर्जा दर्पण के रिफ्लेक्ट होकर चारों दिशाओं में संचार हो और सत्व का प्रकाश चारों तरफ फैले।
0 एक सप्ताह से चल रहा था अनुष्ठान
जयसिंह अग्रवाल और परिवार के राजपुरोहित गुरुजी वृंदावन से पधारे बांके बिहारी गोस्वामी गुरुजी तथा अन्य पंडितों द्वारा गत आठ जून से रोज सुबह शाम राम दरबार परिसर में अनुष्ठान किया जा रहा था और अंतिम दिन प्राण प्रतिष्ठा पूजा के लिये जगद्गुरु आदि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पुरी से पधारे और अपने सानिध्य में भगवान राम सहित अन्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कर राम दरबार में सदा के लिये प्रतिष्ठित कराया। मूर्तियों की आभा से यहां उपस्थित जन सैलाब अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे। हजारों की उपस्थित में यह विशाल धार्मिक आयोजन सफल हुआ और भगवान राम कोरबा के हुये।
0 इनकी उपस्थिति रही गरिमामय
रामदरबार में प्राण प्रष्तिठा के बाद भगवान राम सहित नौ दिव्य मूर्तियों की आभा अब चारों दिशाओं में फैलेगी। इस भव्य आयोजन में जन सैलाब तो उमड़ा ही था, लेकिन गरिमापूर्ण उपस्थिति में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सैलजा कुमारी, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस के सहप्रभारी चंदन यादव, विजय जांगिड़, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री रामसुंदर दास महंत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धर्मजीत सिंह, सांसद ज्योत्सना महंत, रायपुर प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, संसदीय सचिव एवं तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, विधायक मोहित केरकेट्टा, शैलेष पांडेय, रामकुमार यादव, डॉ. के.के. धु्रव, वृहस्पति सिंह, शकुंलता साहू, छन्नी साहू, पुरुषोत्तम कंवर, सुरेन्द्र शर्मा, अंबिका सिंह, गुलाब सिंह कमरो, अनिल टाह, आशीष ठाकुर, विजय केशरवानी, लक्ष्मण मुकीम, अशोक अग्रवाल, कृष्णमूर्ति बांधी, पंकज शर्मा, विजय पांडे, आर.पी. सिंह सहित प्रदेश भर के दिग्गज नेता एवं समाज सेवक तथा अन्य क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे। सभी ने इस पावन धरा पर पुण्य कर्म के लिये अपनी-अपनी शुभकामनाएं जयसिंह अग्रवाल परिवार एवं आयोजन समिति को दी और प्रदेश की खुशहाली की कामना के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की। सभी ने रामदरबार को कोरबा के लिये एक अच्छा संकेत बताया।
0 हजारों लोगों ने ग्रहण किया भोग प्रसाद
कोरबा विधायक एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आम कोरबा को हृदय से आमंत्रित किया था और इस सार्वजनिक धार्मिक आयोजन में आम से लेकर खास वर्ग के लोग हजारों की संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम को अद्वितीय सफल बनाया और आयोजन समिति धन्य हुई। आयोजन समिति ने मंदिर परिसर के पास में विशाल भंडारे का आयोजन किया था जिसमें कोरबा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों के साथ अन्य जिलों से भी पधारे श्रद्धालुओं ने भोग प्रसाद ग्रहण किया और तृप्त हुए।

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