स्लोगन व पेंटिंग के माध्यम से विद्यार्थियों ने दिया स्वस्थ हृदय का संदेश
0 इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विश्व हृदय दिवस पर कार्यशाला
कोरबा। दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग कहे जाने वाले हृदय के बारे अति विशेष एवं रोचक जानकारी देने के लिए विद्यालय कि विज्ञान शिक्षिका पारुल पड़वार ने बताया कि आज के अनियमित दिनचर्या एवं अव्यवस्थित खानपान से दिन-प्रतिदिन संपूर्ण विश्व में हृदय रोगियों की संख्या में इजाफा होते जा रहा है जो कि अत्यंत ही चिंताजनक स्थिति है। युवा भी आज हृदय रोगों की चपेट में हैं। आज स्थित इतनी भयावह हो गई है कि 10 में से 1 युवा की मौत हृदयाघात से हो जाती है। इसके लिए अधिक जिम्मेदार केवल हमारी खराब जीवनशैली ही है जिसे हम बचपन से ही अपना लेते हैं।
डॉ. सी पवन कुमार (डेप्युटी मेडिकल सुपरिटेंडेंट) ने बताया कि केवल हमारे देश में ही हर साल लगभग 22 से 25 लाख लोग दिल की बीमारी के कारण काल के गाल में समा जाते हैं। यदि मोटेे तौर पर देख जाए तो दिल की बीमारियों के लिए मुख्यत: मोटापा, धूम्रपान, रक्त में कोलेस्ट्राल की अधिकता, अनियंत्रित तनाव, उच्च रक्तचाप, अनियंत्रित डायबिटीज तथा जरूरत से ज्यादा आराम तलब जीवनशैली ही है। यदि हमें लंबे समय तक अच्छा एवं स्वस्थ जीवन जीना है तो हमें नियमित रूप से अपनी जीवनशैली में व्यायाम को स्थान देना ही पड़ेगा। शारीरिक व्यायाम से जहां एक ओर हमारा शरीर लचीला एवं तंदुरुस्त रहेगा वहीं हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी बच सकते हैं। शारीरिक व्यायाम के साथ ही साथ हमें रोज कम से कम 8 घंटे की नींद भी लेना आवश्यक है। यदि हमें दिल को स्वस्थ रखना है तो भोजन सही समय पर व सही मात्रा में लेना चाहिए। तेल,घी और मांसाहार के सेवन को हमें लगभग नजरअंदाज करना चाहिए। हमें भोजन में नमक की मात्रा का भी समुचित सेवन ही करना चाहिए। डॉ. पवन ने कहा कि यदि हम प्रतिदिन पैदल चलें तो डेफिनेटली हमारी लाइफ में हमें चेंज देखने को मिलेगा। यदि हृदय से संबंधित कोई समस्या है तो हमें समय रहते उसका निदान कर लेना चाहिए अन्यथा यह घातक हो सकता है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हृदय से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हमें हमेशा स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर सकारात्मकता के साथ जीसवन जीना चाहिए क्योंकि सकारात्मक जीवनशैली हमें लंबी एवं स्वस्थ जीवन प्रदान करने में मदद करती है। हमें ताजे एवं स्वास्थ्य वर्धक खाद्य पदार्थों का ही समावेश अपने भोजन में करना चाहिए। कभी भी तनाव को अपने जीवन में हावी नहीं होने देना चाहिए। यदि हमारा दिल स्वस्थ रहेगा तो बेशक हमारा दिमाग भी स्वस्थ रहेगा। हमें हर सुबह कम से कम 20 से 25 मिनट तक ध्यान एवं योगा करना चाहिए। हमें जितना संभव हो सके नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।