बालको के माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन प्रशिक्षण से कोरबा में बढ़ी जागरूकता
बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपनी नई किरण परियोजना के अंतर्गत माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन पर दो दिवसीय जिला-स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। सार्थक जन विकास संस्थान और कोरबा के जिला शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को अपने संबंधित स्कूलों में माहवारी के प्रति सवेंदनशील बनाने, सहायकपूर्ण एवं सहज वातावरण को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता प्रदान करना है।
सामाजिक कार्यकर्ता और अनुभवी एमएचएम विषय विशेषज्ञ ओम प्रकाश गायरी ने दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान विस्तृत परिचर्चा की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में माहवारी चक्र को समझना एवं भ्रांतियों पर चर्चा के साथ विभिन्न समस्याओं को शामिल किया गया। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव और माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को साझा किया।
माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन प्रशिक्षण में विशेष रूप से दिव्यांग लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था। माहवारी को स्वच्छता प्रबंधन और गरिमा के साथ जोड़कर उनके लिए उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों को दूर करने पर कार्य किया गया। बालको के दृष्टिबाधित और मूकबधिर बच्चों के लिए आयोजित विशेष सत्र में मॉड्यूल सत्र शामिल थे। यह दिव्य ज्योति स्कूल में हुआ, जिसमें जिले के 5 से अधिक बच्चे शामिल हुए।
नई किरण परियोजना के अंतर्गत आयोजित एमएचएम जागरूकता सत्र कोरबा जिले के 30 सरकारी माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में लगभग 6,800 से अधिक किशोर लड़कियों और लड़कों तक सफलतापूर्वक पहुंचा। कार्यशाला ने शिक्षकों के बीच माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कोरबा जिले के 56 उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले 70 से अधिक शिक्षक जुड़े।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि यह पहल समावेशी और संवेदनशील समाज को बढ़ावा देने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारे शिक्षक माहवारी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न आवश्यक उत्पादों की जानकारी, माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन से छात्राओं को सशक्त बना रहे हैं। लंबे समय से चली आ रही माहवारी संबंधी भ्रांतियों और शंकाओं को खत्म करना है। यह सिर्फ एक कार्यशाला नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव का उद्घोष है। एमएचवी जागरूकता अभियानों के निरंतर संचालन के जरिए समाज में माहवारी के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने के प्रति बालको प्रबंधन कटिबद्ध है।
एमएचएम कार्यशाला में शामिल शासकीय हाई स्कूल दर्री के शिक्षक गेंद लाल भास्कर ने जागरूकतापूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में माहवारी के समय लड़कियों और महिलाओं के व्यवहार में आए व्यवहारिक बदलाव की आवश्यकता को पहचानना चाहिए। एमएचएम-अनुकूल स्कूल बनाने में लड़कियां सशक्त महसूस करेंगी और उन्हें उस समझ और सम्मान के साथ देखभाल दिया जाएगा, जिसकी वे हकदार हैं। उन्होंने कहा कि माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन पर समर्पित कार्यशाला बालको के सराहनीय प्रयास से सफल रहा।
बालको ने वर्ष 2019 से सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से कोरबा जिले के गांवों एवं नगर पालिका निगम क्षेत्रों में माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता परियोजना लागू की। इसका उद्देश्य महिलाओं और किशोरी बालिकाओं की माहवारी संबंधी विविध भ्रांतियों को दूर कर उन्हें स्वच्छता और स्वास्थ्य के अनेक आयामों से परिचित कराना और एमएचएम क्षमता निर्माण के माध्यम से उत्पाद विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। परियोजना ने 45 गांवों के 48000 से अधिक लोगों को संवेदनशील बनाने में मदद की है, जिससे इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ के कोरबा, पोड़ी, उपरोड़ा करतला, पाली और कटघोरा के दायरे में लगभग 48000 महिलाएं, किशोरी बालिकाएं, पुरुष और किशोर बालक शामिल हैं। परियोजना ने किशोर लड़कियों एवं लड़को, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) महिलाओं और माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं (आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं) से लेकर 600 से अधिक मास्टर प्रशिक्षकों को समुदाय में परिवर्तन के अग्रदूत के रूप में सक्षम बनाया है।