नगर पालिका दीपका की सामान्य सभा की बैठक में नगर विकास का बजट पेश
0 70 करोड़ 63 लाख रुपये के बजट में सड़कों के निर्माण, पेयजल की आपूर्ति और साफ-सफाई के कार्यों पर बल
कोरबा। नगर पालिका परिषद दीपका की अध्यक्ष संतोषी दीवान की अध्यक्षता में परिषद की सामान्य सभा आयोजित की गई। बिना शोर-शराबे के बीच सामान्य सभा की बैठक हुई। इसमें 13 प्रस्ताव पारित किये गए। सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पालिका की ओर से प्रस्तुत किया गया बजट रहा।
नगर पालिका परिषद दीपका ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपने बजट पर मुहर लगा दी है। लगभग 70 करोड़ 63 लाख रुपये के बजट में सड़कों के निर्माण, पेयजल की आपूर्ति और साफ-सफाई के कार्यों पर बल दिया गया है। इसके अलावा दीपका नगर में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। बजट में दीपका के सभी वार्डों में विकास कार्य करने पर जोर दिया गया। वार्डों में पेयजल की आपूर्ति, नालियों की साफ-सफाई, वार्डों में विद्युत लाइट लगाने और अन्य कार्य प्रमुखता से कराने पर सहमति बनी। पूर्व में पालिका की ओर से सेंट थॉमस के पास स्थित पालिका की भूमि पर ऑडिटोरियम बनाने का निर्णय लिया गया था। इसे गुरुवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया। यहां पर अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया गया है इसके लिए प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा पालिका की ओर से पूर्व में लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए पुष्प वाटिका का नामकरण पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। पालिका ने वार्डों में स्थित तीन सामुदायिक अतिरिक्त सुविधा बढ़ाने का निर्णय लिया गया, ताकि वार्ड के लोगों को जरूरत के अनुसार भवनों में सुविधा उपलब्ध हो सके।
बजट प्रस्तुत करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि पालिका को सबसे अधिक राजस्व प्रदेश सरकार से मिलने वाले अनुदान और अंशदान से होगी। इसके बाद राजस्व के संग्रहण से कुछ आय की प्राप्ति होगी। नगर में स्थापित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा का संधारण और इसके आसपास सौंदर्यीकरण करने के लिए भी प्रस्ताव पारित किया गया है। इस कार्य में होने वाले खर्च के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। पालिका ने विभिन्न वार्डों में होने वाले सीसी रोड निर्माण की भी स्वीकृति दी है। गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद दीपका में 21 वार्ड हैं। इसमें 9 वार्ड एसईसीएल के क्षेत्र में हैं, शेष 12 वार्ड एसईसीएल से बाहर है। इन्हीं वार्डों में सबसे अधिक विकास कार्य कराए जाएंगे।