November 7, 2024

डीडीएम स्कूल में विद्युत मीटर में हुआ ब्लास्ट,,,चिंगारी की चपेट में आए मासूम बच्चे.

कोरबा – डीडीएम स्कूल में आज एक बड़ा हादसा होते होते टल गया लेकिन प्रबंधन की लापरवाही उजागर हो गई। स्कूल में लगे विद्युत मीटर में अचानक जोर की आवाज के साथ धमाका हुआ और उसमें से निकली चिंगारी की चपेट में कुछ बच्चे आ गए। जिनका उपचार परिजनों द्वारा कराया गया। बताया जाता है कि वहां पर हादसे के समय बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित थे लेकिन धमाका होते ही वहां से सब भाग खड़े हुए। छोटे बच्चे भाग नहीं सके और चिंगारी की चपेट में कुछ बच्चे आ गए।

कोरबा में अंग्रेजी माध्यम का सीबीएसई से मान्यता प्राप्त डीडीएम स्कूल का संचालन किया जा रहा है। जहां नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षाएं तक संचालित है। स्कूल शुरू से ही चर्चा में रहा है और विवाद से पुराना नाता बना हुआ है। मंगलवार को स्कूल परिसर में लगे विद्युत मीटर में अचानक ब्लॉस्ट हो गया और आग लग गई। जिससे वहां उपस्थित बच्चों में हड़कंप मच गया और अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। बच्चे भागने लगे । इसी बीच कुछ छोटे बच्चे जो कि वहां से भाग नहीं सके वे बच्चे चिंगारी की चपेट में आ गए। वहीं प्रबंधन द्वारा किसी तरह से विद्युत आपूर्ति को बंद कर स्थिति पर काबू पाया गया। अगर समय रहते ही इस पर काबू नहीं पाया जाता तो एक बड़ा हादसा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

सुरक्षा उपकरणों का अभाव

स्कूल परिसर में जो व्यवस्था होनी चाहिए वह दिखाई नहीं दी और एक तरह से प्रबंधन की पूरी लापरवाही सामने आई। नियमत: खतरे वाले स्थान पर बच्चों को नहीं जाने देना चाहिए और यह जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। सवाल यहां गंभीर है स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्युत प्रभावित क्षेत्र होने के कारण बच्चों को वहां क्यों जाने दिया गया। वहां लगे सुरक्षा उपकरणों के साथ साथ अग्निशमन यंत्रों की भी जांच की जानी चाहिए। ताकि हादसे के समय उसका उपयोग किया जा सके। इसके लिए जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन पर प्रशासन को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। जानकारी के अनुसार डीडीएम स्कूल परिसर का निर्माण भी शासकीय भूमि पर किया गया है। जिसमें 53 डिसमिल जमीन बेजा कब्जा की जांच में भी पुष्टि की जा चुकी है। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खसरा नंबर 3/1 क भूमि में अतिक्रमण पाया गया है बावजूद कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं कि जा रही है। अगर इस कब्जे को हटा लिए जाएगा तो स्कूल के पास खेल का मैदान ही नहीं रहेगा। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन ने सी बी एस ई को भ्रामक जानकारी भी प्रेषित की है।

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