क्रेडा में अधिकारियों के चहेतों को ही मिलता है ठेका, भ्रष्टाचार का होने लगा है खुलासा
रायपुर 23 अक्टूबर। सौर ऊर्जा को भ्रष्टाचार का घुन खाये जा रहा है। घुन और कोई नहीं वहां के कर्ताधर्ता ही है। क्रेडा के अधिकारी चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाकर लाखों रुपए की कमीशन खा रहे है। ठेकेदारों से मिली भगत कर ये क्रेडा को चूना लगाने में पीछे नहीं है। यहां ऐसा हो गया जैसे राम नाम जपना पराया माल अपना। क्रेडा का एक चौकाने वाला मामला फिर से सामने आया है जिसमें सौर सुजला योजना फेस 5 के तहत लगभग 20 हज़ार पंप का निविदा कुछ दिन पहले कराया गया है परंतु फेस 5 और 6 के रेट में लगभग 30 से 40 हज़ार रुपए का अंतर है जबकि फेस 2, 3, 4 की निविदाओं में भी कम रेट रहा है किन्तु फेस 5 में रेट ज्यादा क्यों है जांच का विषय है। सूत्र बताते है कि यहां उच्च स्तर पर ठेकेदारों से मिलकर खेल किया जाता है। यह भी जानकारी मिली है कि क्रेडा के संबंधित अधिकारी और उसके कंपनी को चलाने वाले ठेकेदार ने फेस 5 के निविदा में बाकी ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर ज्यादा रेट में टेंडर हथिया लिया है। शिकायतकर्ता के अनुसार फेस 5 क्रेडा के संबंधित अधिकारी और राजेश अग्रवाल की 4 से 5 कंपनी स्वयं की या पार्टनरशिप वाली है। ऐसा बताया जा रहा है कि उक्त अधिकारी जहां भी रहे है वहां ठेकेदार व्दारा ज्यादा रेट में टेंडर निकलवा कर खुद या अपने लोगों को टेंडर दिलवाया है। अभी क्रेडा में भी यही खेल चल रहा है। ऐसा खेल सब सेटिंग के तहत होता है। क्रेडा में व्याप्त भ्रष्ट्राचार के बारे में यहां तक सुना गया है कि उपर तक परसेंटेज बंधा हुआ है जिसमें मुख्यमंत्री सचिवालय को भी घसीटा गया है। शिकायतकर्ता ने राज्यपाल, सीबीआई, राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो और मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत पोस्टल डाक के व्दारा भेजा है। इससे पहले भी क्रेड़ा विभाग में सोलर वाटर पंप और अनेक ऐसी योजनाओं का घोटाला हुआ था।
नाम न छापने के शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि फेस 5 के निविदा में ज्यादा रेट एक्सेप्ट करने और मनमाफिक पाने के लिए हर पंप में 16,000 एलओआई से पहले सभी ठेकेदारों को उक्त ठेकेदार द्वारा बताया गया था कि संबंधित अधिकारी को देना है जो कुल रकम 32 करोड़ हो रहा है और यह रकम उपर तक भेजा जाना है, ऐसा जुमलों में खेल चल रहा है। एक प्रकार से मुख्यमंत्री को बदनाम करने का खुला खेल चल रहा है। कुछ कंपनिया जो क्रेडा में माल सप्लाई के कार्य में लगी है इन कंपनियों के बारे में कहा जाता है कि ये सभी एक ही व्यापारी ठेकेदार और क्रेडा के संबंधित अधिकारी के अधीन है। और ये लोग अपनी कंपनी के नाम से पैसा देकर ज्यादा से ज्यादा काम ले रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि क्रेडा के सौर सुजला योजना फेस 5 में धांधली को रोकने के लिए इस निविदा की सारी कार्यवाही किसी उच्च स्तरीय कमेटी की निगरानी में हो ताकि महाभ्रष्टाचार सामने आ सके और दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो सके। क्रेडा का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि ऐसे पिछले 15 सालों में कई मामले आए और चले गए लेकिन अधिकारियों के सेहत में कोई फ़र्क नहीं पड़ा। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेदाग और स्वच्छ छवि में धब्बा लगाने में कोई कसर भ्रष्ट अधिकारी बाकी नहीं रखना चाहते है, जबकि पूरा विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है और इन भ्रष्ट अधिकारियों के कारण शासन और मुख्यमंत्री की बदनामी होती है और विपक्ष मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में लग जाती है।