बारिश से भीग गए खुले आसमान के नीचे रखे धान
कोरबा 17 फरवरी। मंगलवार को औचक बारिश से खुले आसमान के नीचे रखे धान भीग गए। जिला खाद्य और विपणन विभाग ने धान खरीदी समापन के बाद दावा किया था कि 15 दिन के भीतर धान उठाव कर लिया जाएगा। खरीदी बंद हुए 17 दिन हो गए हैं। शासन के आदेश से पिछले एक सप्ताह से डीओ कटना बंद है। इस वजह से केंद्रों में धान पड़े हैं। अब भी जिले के 42 उपार्जन केंद्रों में 1.78 लाख क्विंटल धान शेष है।
धान उपार्जन केंद्रों में उठाव शेष होने से फड़ प्रभारियों को धान की रखवाली करनी पड़ रही है। मिलिंग के दौरान चावल की सही क्वालिटी कई जगहों से नहीं आने के कारण शासन ने अभी डीओ काटना बंद करा दिया है। नए उपार्जन केंद्रों में फड़ और गोदाम की सुविधा नहीं होने से अभी भी धान खुले आसमान के नीचे रखे हैं। रकबा कटौती के चलते किसानों से पर्याप्त धान की खरीदी नहीं हुई है, जिसका लाभ उठाते हुए मिलर्स स्वयं के द्वारा तय किए दाम में धान खरीद रहे हैं। इधर समर्थन मूल्य में नहीं बेच पाने वाले किसान कम कीमत में खुले बाजार में बिक्री करने को मजबूर हैं। इधर मिलर सरकारी धान के बजाय स्वयं खरीदे गए धान को मिलिंग करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। सड़क मार्ग से लगे उपार्जन केंद्र के धान तो उठ गए हैं, लेकिन दूर दराज के धान अब भी पूर्ण उठाव से दूर हैं। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष धान खरीदी के अंतिम दिन तक जिले में 13.52 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई है। बेहतर बारिश और बंफर उत्पादन से किसानों ने अनुमान लगाया था कि उन्हे इस वर्ष भी अच्छी कीमत मिलेगी, लेकिन रकबा कटौती से पूरा धान बेचने में असफल रहे। सरकार ने 2500 रूपये में खरीदी का आश्वासन दिया था, वह भी पूरा नहीं किया गया। राजीव गांधी न्याय योजना के तहत खरीदी के राशि का चौथा किश्त का भुगतान अब भी शेष है।