November 24, 2024

दिल्ली: बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में आतंकी आरिज खान दोषी करार, 15 मार्च को सुनाई जाएगी सजा

नई दिल्ली 8 मार्च। सितंबर 2008 में दिल्ली में हुए बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी आरिज खान दोषी करार दिया गया है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आतंकी आरिज खान को दोषी करार दिया, आरिज खान को इस मामले में सजा 15 मार्च को सुनाई जाएगी। सितंबर 2008 को हुए एनकाउंटर में आतंकवादियों की तरफ से की गई गोलीबारी में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। इस मामले को लेकर राजनीति भी खूब हुई थी।आरिज खान को इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले, 2013 में शहजाद अहमद को सज़ा हो चुकी है। दोनों बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे. इनके दो साथी आतिफ आमीन, मोहम्मद साजिद मारे गए थे जबकि मोहम्मद सैफ पकड़ा गया था। आपको बता दें कि वर्ष 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का आरिज खान मुख्य साज़िशकर्ता है। इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे। तब इस पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था।आजमगढ़ के रहने आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। इसके पकड़े जाने से इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के इसके मंसूबे ध्वस्त हो गए थे।

स्पेशल सेल को पता चला था कि प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के लोग नेपाल से युवाओं को देश मे अवैध गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके बाद सिमी से जुड़े अब्दुल सुहान उर्फ तौकीर को जनवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया, तौकीर ने आरिज़ खान के बारे में कई अहम जानकारियां दी थीं। उन्हीं जानकारियों के आधार पर पता चला था कि आरिज़ खान 13 फरवरी 2018 को भारत नेपाल सीमा के बनबसा बॉर्डर से अपने किसी साथी से मिलने यूपी आने वाला है,इसी सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

आरिज़ ने मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज से बी टेक की पढ़ाई की है और वह बम बनाने में माहिर था। धमाकों के बाद आरिज़ नेपाल भाग गया था और वहां की नागरिकता हासिल कर सलीम नाम से रह रहा था, उसने इसी नाम से पासपोर्ट बनवाया हुआ था। उसके नेपाल में एक रेस्टोरेंट खोला था और वहां पढ़ाता भी था। वो नेपाल में 2014 तक रहा, इस दौरान वो रियाज़ भटकल के संपर्क में आया, रियाज़ ने उसे इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के लिए सऊदी अरब बुलाया, वो 2014 में सऊदी अरब गया और वहां एक मजदूर बनकर सिमी और आईएम के लोगों से मिलता रहा। वर्ष 2017 में वो सऊदी अरब से वापस लौटा। फिर वह भारत मे इंडियन मुजाहिद्दीन को खड़ा करने के लिए नेपाल से गतिविधियां चला रहा था और 2018 में इसी सिलसिले में भारत आते वक्त पकड़ा गया।

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