November 22, 2024

कोयला उद्योग के निजीकरण के विरोध में श्रमिकों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

कोरबा 28 मार्च। कोयला उद्योग के निजीकरण-बिक्री के खिलाफ 11 वें वेतन समझौता के लिए जेबीसीसीआई-11 का गठन करने समेत अन्य मुद्दों को लेकर श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया। कार्मिक प्रबंधक को पत्र सौंप मांग पूरी करने प्रस्ताव रखा गया।

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अब केंद्रीय ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि भी आंदोलन करने लगे हैं। केंद्रीय पदाधिकारियों के निर्णय उपरांत जिला स्तर पर आंदोलन किया जा रहा है। कोयला खदान में कार्यरत कर्मचारियों की मांग को लेकर श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने विरोध प्रदर्शन किया। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड ;एसईसीएलद्ध कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सभी श्रमिक संघ महाप्रबंधक कार्यालय समक्ष सांकेतिक प्रदर्शन किया। तदुपरांत राष्ट्रपति के नाम 15 सूत्रीय मांग पत्र क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक कोरबा क्षेत्र ए के पटनायक को सौंपा गया। इस मौके पर दीपेश मिश्रा, विश्वास, गोपाल नारायण सिंह, जनक दास, धरमा राव, सुभाष सिंह, किशोर सिंहा, सुनिल शर्मा, अशोक लोद, नवीन सिंह, अनुप सरकार समेत अन्य लोग शामिल रहे। श्रमिक नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ देश के 10 मजदूर संगठन प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध दिवस मनाने का फैसला लिया है। कोयला क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों की समस्याएं प्रमुखता रखी गई है। इसमें चारों लेबर कोड बिल के खिलाफए कोयला उद्योग के निजीकरण. विनिवेशीकरणए जेबीसीसीआई.11 का गठन, किसानों के लिए लाए गए तीनों कृषि कानूनए बढती हुई महंगाई पर विराम लगाने, कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद जबरन सेवानिवृत्ति करने के फैसले के खिलाफ , ठेका मजदूरों के लिए कोल इंडिया की हाई पावर कमेटी से निर्धारित बढ़ा हुआ वेतन लागू करने, बैंक एवं बीमा के निजीकरण पर रोक लगाने समेत अन्य मांग रखी गई है। इसी तरह भू-आश्रितों को कानूनन भू-मुआवजा व भू-आश्रित को नौकरी की व्यवस्था को पूर्ववत चालू रखते हुए लागू नए नियम को वापस लिया जाना चाहिए। साथ ही प्रबंधन का कोयला खदानों को बंद करने का एक तरफ ा निर्णय पर भी रोक लगाते हुए बंद की गई खदानों को फिर से चालू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती है तो राष्ट्रीय स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

Spread the word