हल्की सर्दी-खांसी, बुखार के लक्षण दिखते ही तुरंत कोरोना की जांच कराएं, बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
- बचाव हमेशा इलाज से बेहतर, जांच में देरी से परिवार या अन्य लोगों के संक्रमित होने की संभावना ज्यादा
- स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से की अपील
कोरबा 31 मार्च 2021. कोरोना संक्रमण के मामले पूरी दुनिया सहित भारत में फिर बढ़ रहे हैं। इस समय सभी को सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक हो गया है। डाॅक्टरों, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनीसेफ के साथ राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा लोगों से बार -बार अपील किया जा रहा है कि कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर भी तुरंत कोरोना जांच कराना चाहिए। जल्दी जांच और दवाइयां समय पर मिलने से रिकवरी तेजी से होताी है। संक्रमण से बचने के लिए अभी सार्वजनिक स्थलों में मास्क पहनना, दूसरों से दो गज की सुरक्षित दूरी रखना,भीड़ से बचना और हाथों की साबुन पानी से सफाई करना जरूरी है। राज्य शासन द्वारा एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को कोविड 19 वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा प्रदेश में वैक्सीनेशन केन्द्रों और वैक्सीनेटरों की संख्या बढ़ाए जाएगी। विभाग ने सभी पात्र लोगों से वैक्सीन लगाने की अपील की है। स्वास्थ्य विभाग ने वर्तमान में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 साल से अधिक के ऐसे व्यक्तियों जिन्हे अन्य कोई गंभीर बीमारी जैसे किडनी रोग, डायबिटीज, कैंसर, सांस की तकलीफ और हृदय की बीमारी है, उन्हे खास ध्यान रखने की अपील की है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से बचाव के लिए लोगों से अपील की है कि मास्क लगाएं, लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखें तथा अपने हाथों की बार-बार सफाई करते रहे। अगर कोई भी कोरोना के लक्षण दिखते हैं या नए लक्षण जैसे अचानक कमजोरी आना या थकान लगना तो तुरंत कोरोना की जांच कराएं। कोरोना जांच कराना अपने लिए जरूरी तो है ही अपने परिवार या अन्य लोगों के लिए भी जरूरी है। अगर जांच में देरी हो रही है इसका मतलब है कि जांच में देरी से फैलाव की संभावना बढ़ जाएगी और इससे अपने परिवार के साथ साथ अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी. बी. बोडे ने कहा कि बार बार सभी लोगों से अपील किया जा रहा है कि बुजुर्ग और ऐसे व्यक्ति जिन्हे किसी भी प्रकार की अन्य कोई बीमारी है उन्हे विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। उन्होने कहा कि युवा एवं बच्चों को बुजुर्गों से दूरी रखनी चाहिए क्योंकि वे स्वयं यदि संक्रमित होंगे तो बिना लक्षण वाले हो सकते हैं और प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण ठीक भी हो जाते हैं लेकिन बुजुर्ग उनसे आसानी से संक्रमित हो सकते हैं। उन्होने कहा कि टी. बी., सांस की बीमारी, अधिक रक्त चाप, डायबिटीज, कैंसर आदि गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों के परिजनों को भी उनका ध्यान रखना चाहिए और हल्के लक्षण दिखने पर भी तुरंत कोरोना जांच कराना चाहिए। सीएमएचओ ने बताया कि पिछले कुछ समय में नागरिक लापरवाह हुए है, जिसमें मास्क ना लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना शामिल है। इस तरह मरीजों में अपने आप को छुपाने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। कई बार जांच देर से कराने या देरी से हॉस्पिटल पहुंचने के कारण गंभीर अवस्था में मरीजों को बचाया जाना संभव नहीं हो पाता बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है।