November 7, 2024

एक ही परिवार के 18 सदस्य आंध्र प्रदेश में बंधक बनाये गए, मुक्त कराने प्रशासन से गुहार

गरियाबंद 1 अप्रेल ।  एक ही परिवार के 18 सदस्यों को आंध्र प्रदेश में बंधक बना लिया गया है। इनमें से 8 बच्चे भी शामिल हैं। परिवार को घर वापस लाने के लिए बुजुर्ग ने कलेक्टर से गुहार लगाई है। इस मामले को लेकर बुजुर्ग ने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, गरियाबंद जिले के ग्राम मूंगझर से ईंट भट्टे में काम करने एक परिवार के 18 सदस्य आँध्रप्रदेश गए है, जिन्हें वहां बंधक बना लिया गया है। जबरन उन्हें कैम्पस के भीतर बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा है। ठेकेदार मजदूरों का एडवांस लेकर फरार हो गया। जिसका भुगतान सभी मजदूर भोग रहें है।

गुहार लेकर एसडीएम के पास पहुंचा बुजुर्ग –

मूंगझर निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग धनसिंह सोनवानी ने एसडीएम अनुपम आशीष टोप्पो को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बुजुर्ग ने बताया है कि उसके बेटा करनो राम, बहू रायती के अलावा नाबालिग पोता दुर्गेश, गौरी व आलोक समेत झिरिपानी, दरलीपारा के कुल 18 लोग जिसमें 8 नाबालिग हैं, को बंधक बनाए गए हैं। आंध्रप्रदेश के आवापल्ली जिले के खम्मम में एक ईंट भठ्ठी निर्माण करने वाला ठेकेदार ने उन्हें बंधक बनाया है।

फोन पर बेटे ने बताई आपबीती –

बेटा खगेश ने बुजुर्ग पिता को फोन पर बंधक बनाये जाने की सूचना दी है। उसने बताया है कि ओड़िसा निवासी जिस मजदूर दलाल के चंगुल में फंस कर वे लोग काम करने गए थे। वहीं दलाल ठेकेदार से मजदूरी का सारा पैसा एडवांस उठाकर भाग गया। सारे मजदूर जनवरी में वहाँ चले गए थे। करीब 15 दिन पहले मजदूरों ने मजदूरी की मांग की तो ठेकेदार ने केवल राशन का खर्च देकर हाथ खड़ा कर दिया और कहा कि अप्रैल तक भी काम करने से पैसे कि चुकता नहीं हो पाएंगे। ऐसा कह कर जबरन उन्हें कैम्पस के भीतर बंधक बनाकर काम करवाया जा रहा है।

क्या बोले एसडीएम ?

एसडीएम अनुपम आशीष टोप्पो ने कहा कि पिता के ज्ञापन के बाद मामले से जिला श्रम अधिकारी व कलेक्टर को अवगत कराया गया है। जैसे ही निर्देश मिलेंगे आवश्यक कार्यवाही किया जाएगा।

Spread the word