December 23, 2024

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने झीरम घाटी मामले में जितेंद्र मुदलियार का पक्ष सुने जाने का आदेश दिया

◆ 20 अप्रैल को अंतिम सुनवाई
बिलासपुर 7 अप्रेल। उच्च न्यायालय के खंडपीठ में जिसमे न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव एवं एन के व्यास थे, एन आई ए की अपील पर सुनवाई की, खंडपीठ ने झीरम घाटी केस में दरभा थाने में वृहत षड्यंत्र की जांच हेतु एफ आई आर कराने वाले शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार की हस्तक्षेप/ पक्षकार बनाये जाने के आवेदन पर उन्हें अभियोजन में राज्य की सहायता करने की अनुमति प्रदान करते हुए ,मुदलियार के आवेदन को निराकृत कर दिया है।

अब एनआईए द्वारा लगाई गई अपील जिसमे एनआईए ने एफ आई आर की जांच राज्य पुलिस से स्वम हस्तान्तरित करने की मांग की है कि अंतिम सुनवाई 20 अप्रैल निर्धारित की है। गौरतलब है कि झीरम घाटी घटना की एनआईए जांच पूरी हो जाने के बाद ,जितेंद्र मुदलियार एवम अन्य पीडित व्यक्तियों के द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि एन आई ए ने वृहत राजनैतिक षड्यंत्र की जांच नही की। इस आधार पर मार्च 2016 की पूर्वर्ती सरकार ने वृहत षड्यंत्र की जांच हेतु सीबीआई से जाँच कराने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी थी परंतु 13 दिसम्बर 2016 में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को सूचित किया कि झीरम घाटी घटना में एनआईए ने पूर्ण जांच कर कर दी है और अब आगे जांच की जरूरत नही है।

दिसम्बर 2018 में नई सरकार मामले की जांच एसआईटी से कराने की घोषणा की और एनआईए से केस डायरी वापस मांग की ,परन्तु एनआईए और केंद्र सरकार द्वारा केस डायरी वापस करने से इनकार कर दिया। 25/05/2020 को जितेंद्र मुदलियार के द्वारा बस्तर पुलिस अधीक्षक को दी गयी लिखित शिकायत पर वृहत षड्यंत्र की जांच के लिए दरभा थाने में एफ आई आर दर्ज की गई।इसके पस्चात जून 2020 में एनआईए ने विशेष अदालत में आवेदन लगाकर जांच स्टेट से ट्रांसफर करने की मांग की जिसे विशेष अदालत ने निरस्त कर दिया, जिसके बाद एनआईए ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की,जिस पर न्यायालय ने सुनवाई कर एफ आई आर पर कार्यवाही से स्थगन दिया था।

शिकायत कर्ता जितेंद्र मुदलियार अपने अधिवक्ताओ सुदीप श्रीवास्तव एवम संदीप दुबे की तरफ से हस्तक्षेप आवेदन दायर कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी। वही राज्य सरकार अपने जवाब के साथ स्थगन हटाये जाने का आवेदन दिया। आज की सुनवाई में जितेंद्र मुदलियार की राहत प्रदान करते हुए अपना पक्ष रखने की अनुमति न्यायालय ने प्रदान करते हुए अंतिम सुनवाई 20 अप्रैल की तय की है, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने उस तिथि पर किसी भी कारण से सुनवाई स्थगित ना करने का निवेदन किया है। उस पर माननीय न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि एनआईए द्वारा अगली तिथि में समय बढ़ाये जाने की मांग की तो प्रकरण में राज्य द्वारा दायर किये गए स्थगन हटाये जाने के आवेदन पर सुनवाई की जाएगी। आज एनआईए की तरफ से ऐ एस जी रमाकांत मिश्रा उपस्थित हुए।

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