November 24, 2024

कोरबा: राशन माफिया पर हैं मेहरबान, खाद्य विभाग के साहबान….

कोरबा 4 मई। नगर पालिक निगम कोरबा के राताखार वार्ड में उचित मूल्य का राशन दुकान संचालित कर रहे जय अम्बे महिला प्रा. सह. उ. भ. की गंभीर अनियमितताओं को लेकर खाद्य विभाग की चुप्पी ने उसे कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि राशन माफिया सिस्टम, खाद्य विभाग के अफसरों की शह पर कायम हुआ है और उनके संरक्षण में फल-फूल रहा है?

आपको बता दें कि गत 12 अप्रैल को जय अम्बे समूह द्वारा संचालित राताखार वार्ड के राशन दुकान (आई.डी.नं.- 551001002) में चावल 6088.00 कि. ग्रा., अन्तयोदय चावल 40.00 कि. ग्रा., चना 761.00 कि.ग्रा. और नमक 1641.00 कि. ग्रा. स्टाक में मायनस दिखाई दे रहा था। कोर पी. डी. एस. में ऑन लाईन दिख रहे इन आंकड़ों का अर्थ यह था, कि दुकान में स्टाक नहीं होने के बावजूद राशन दुकान संचालक ने उक्त सामाग्री का वितरण उपभोक्ताओं को किया है। यहां सहज सवाल उठता है, कि आखिर दुकानदार ने यह सामाग्री कहां से हासिल की और उपभोक्ताओं में वितरण किया? हालात के मददेनजर कहा जा सकता है कि दुकान में बड़े पैमाने पर घोटाला होता है और खाद्य विभाग के साहबानों की अनदेखी अथवा संरक्षण में इस घपले को अंजाम दिया जाता है।

बहरहाल सच्चाई जो हो, लम्बे समय तक ये घोटाले पर्दे के पीछे होते रहे। लेकिन अप्रेल में इस घोटाले से पर्दा हटा, उसके बाद खाद्य विभाग के अफसरों को दुकान संचालक के खिलाफ छानबीन करना था और मामले की तह तक जाने का उपक्रम करना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। खाद्य विभाग के साहबान चुप्पी साधे बैठे हैं? यही नहीं, मामला सामने आने के बाद अगले दिन 13 अप्रैल को राशन दुकान को पुनः चावल का आबंटन किया गया, जो इस बात को इंगित करता है, कि घपले- घोटाले रोकने के लिए जिम्मेदार शासकीय अमला कहीं न कहीं घोटाले पर पर्दा डालने में राशन माफिया के सहयोगी की भूमिका अदा कर रहा है? 

इस सिलसिले में विभागीय अधिकारी ने मामले की जांच का निर्देश देने की जानकारी न्यूज़ एक्शन को दी। फूड इस्पेक्टर ने भी पुष्टि की। लेकिन एक पखवाड़े बाद भी वही ढाक में तीन पात की स्थिति है। इससे सन्देह होता है कि खाद्य विभाग और राशन माफिया की सांठगांठ है और जिले में मिल जुल कर प्रतिमाह लाखों रुपयों का पी डी एस घोटाला को अंजाम दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जिला स्तर पर विफल हो रही पी. डी. एस. व्यवस्था को लेकर अब प्रदेश के मुख्य सचिव, खाद्य सचिव और विभागीय मंत्री से किये जाने की तैयारी की जा रही है।

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