November 24, 2024

कोरोना: छत्तीसगढ़ में 30.2% वैक्सीन की बर्बादी हुई

राजस्थान और झारखंड ने भी बर्बाद किया वैक्सीन

नईदिल्ली 26 मई। देश में कोरोना महामारी ने दूसरी बार अपने पांव पसारे हैं। इस त्रासदी के समय मे जहां देश कोरोना से लड़ रहा है वहीं देश के विपक्ष दल अपनी अलग ही लड़ाई का मोर्चा खोले हुए हैं…

बीजेपी शासित राज्यों के साथ ही ओड़िसा और केरल जैसे राज्य भी केंद्र सरकार से वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष शासित कई ऐसे राज्य भी हैं जो सप्लाई हुई कुल वैक्सीन का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा बर्बाद कर चुके हैं।

पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान तो इस मामले में सबसे आगे था ही, जहां कुल 11.5 लाख वैक्सीन के डोज खराब हो गए हैं…लेकिन अब वैक्सीन की बर्बादी करने वाले राज्यों में झारखंड और “छत्तीसगढ़” का नाम भी शामिल हो गया है…

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकडो़ं के अनुसार झारखंड को सप्लाई हुई कुल वैक्सीन का 37.3% बर्बाद हुई हैं, वहीं छत्तीसगढ़ को सप्लाई की गई वैक्सीन का 30.2% वैक्सीन की बर्बादी हुई है।

छत्तीसगढ़ में अबतक लगभग 70 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई है, जाहिर है अगर वैक्सीन की बर्बादी नहीं हुई होती तो अब तक वैक्सीन के लिए प्रतीक्षारत लाखों लोगों को वैक्सीन लग चुकी होती।

आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण वैक्सीन की कमी के बीच इसकी बर्बादी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से कम से कम बर्बादी सुनिश्चित करने का आग्रह किया था…

पीएम ने कहा था- “वैक्सीन की बर्बादी एक गंभीर मुद्दा है, एक भी खुराक बर्बाद करने का मतलब है किसी के जीवन को ढाल देने से वंचित कर देना।”

साथ ही उन्होने ये भी कहा था- “जब आप सभी को टीके दिए जाते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह बर्बाद न हो, आप सभी को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इस पर नजर बनाकर रखना चाहिए।”

दरअसल केंद्र सरकार की तरफ चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से विपक्षी दल खास तौर से कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है…
एक तरफ जहां केंद्र सरकार ये सुनिश्चित करने में लगी हुई है सभी को टीके की खुराक मिले वहीं दूसरी तरफ देश में कुछ ऐसे विपक्षी दल हैं जो लोगों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं, और ऐसे समय में सरकार के साथ मिल कर काम करने के बजाए सरकार की कमियां गिना रहे हैं।

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