November 25, 2024

बीमार मादा हाथी के स्वास्थ्य में सुधार, डॉक्टरों के चेहरे में आयी मुस्कान

कोरबा 29 जुलाई। पशु चिकित्सकों द्वारा किये गए लगातार उपचार व वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मेहनत से बीमार मादा हाथी के स्वास्थ्य में अब सुधार हो रहा है। आज रात मादा हाथी अपने पैरों पर खड़ी हो गई तथा हलचल करने लगी। तड़के 4 बजे के लगभग मादा हाथी को खड़ी देख वन विभाग के अधिकारियों.कर्मचारियों के अलावा उसका उपचार कर रहे डॉक्टरों के चेहरे में मुस्कान आ गई है।

डीएफओ प्रियंका पांडेय ने इसे अच्छी खबर बताते हुए कहा कि अब इस हाथी के ठीक होने व बचने की संभावना बढ़ गई है। क्योंकि जब वन्य प्राणी खासकर हाथी जैसे विशालकाय जानवर जमीन पर पड़े रहते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन लगभग शून्य सा हो जाता है लेकिन खड़ा होने के बाद ब्लड सर्कुलेशन 60 प्रतिशत होने लगता है। इस दौरान यदि उसका उपचार हो जाए तो उसके ठीक होने व बचने की संभावना बढ़ जाती है। चूंकि वन विभाग का अमला तथा डॉक्टरों का दल जंगल में डेरा डालकर बीमार मादा हाथी के दिन-रात उपचार में लगे हुए हैं। ऐसे में उसके स्वस्थ होने की कुछ ज्यादा ही संभावना है। आशा है बीमार मादा हाथी शीघ्र स्वस्थ होकर जंगल में विचरण करने लगेगी। हाथी खड़ा होने के बाद अब अच्छे से खाना भी खा रही है और पानी भी पी रही है। ज्ञात रहे एक सप्ताह पूर्व उम्रदराज मादा हाथी धरमजयगढ़ क्षेत्र से कोरबा वनमंडल के कुदमुरा क्षेत्र के पोरिया-अमलडीहा पहुंच गई थी और यहां के जंगल में बेहोश होकर गिर गई थी। वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी होने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर पहले स्थानीय पशु चिकित्सकों एवं बाद में रायपुर के जंगल सफारी से डॉ.राकेश वर्मा व गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉ.जयेंद्र खुंटे को बुलाकर इसका उपचार करवाया था।

इस बीच तमिलनाडु के विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी सलाह ली गई। डॉक्टरों की टीम तथा वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने लगातार जंगल में रहकर बीमार हाथी का उपचार करने के साथ ही देखरेख की। उपचार व दवा खाने के बाद मादा हाथी पहले दिन बांस, बल्ली व रस्सा के सहारे खड़ा करने पर जरूर खड़ी हो गई लेकिन चल-फिर नहीं सकी। अगली दिन फिर वह लड़खड़ाकर गिर पड़ी। जिसके बाद पांच दिनों से जमीन पर ही पड़ी रही। उसे कई बार खड़ा करने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। डॉक्टरों व वन विभाग द्वारा उसका लगातार उपचार किया जाता रहा। एक सप्ताह तक चले उपचार का लाभ बीमार हाथी को मिला और शरीर में ताकत आने के बाद वह बुधवार की रात स्वयं ही बल लगाकर खड़ी हो गई और हलचल करने लगी।

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