November 22, 2024

वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर शिक्षकों का अनिश्चतकालीन हड़ताल, पढ़ाई ठप

कोरबा 12 दिसंबर। वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर प्राथमिक शाला में अध्यापन कराने वाले 3500 शिक्षक शनिवार को सामूहिक अवकाश लेकर अनिश्चत कालीन हड़ताल पर चले गए। एक साथ शिक्षकों के अवकाश पर जाने से अधिकांश स्कूलों में पढ़ाई ठप हो गई। हडताली शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बेनर तले पहले दिन विकासखंड स्तर पर धरना प्रदर्शन किया।

शिक्षकों ने प्रदर्शन ऐसे समय में किया है जब स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी जारी है। असमय शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से शिक्षा विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जिम्मेदारी शिक्षकों को जिम्मेदारी दी है। इधर घंटाघर ओपन थियेटर के पास शिक्षकों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार सांडे ने बताया कि सरकार के नियमित कर्मचारी होन के बाद भी उन्हे वेतन विसंगति से जूझना पड़ रहा है। नियमिती करण के पूर्व प्राथमिक शिक्षकों को वर्ग के अनुपात में वेतन दिया था। नियमित होने के बाद हाई व मिडिल स्कूल के शिक्षकों के वेतन को तो बढ़ा दिया लेकिन सहायक शिक्षकों को शासन ने उनके हाल पर छोड़ दिया वर्तमान में प्रथम वर्ग के शिक्षकों 50 हजारए द्वितीय वर्ग को 45 हजार दिया जा रहा है वहीं प्राथमिक शाला के शिक्षकों को केवल 35 हजार ही दिया जा रहा है। नियमितीकरण के बाद अनुपातिक क्रम के वेतन के अनुसार प्रायमरी के शिक्षकों का वेतन लगभग 40 हजार होना था। अध्यक्ष सांडे ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर रविवार को भी धरना प्रदर्शन करेंगे। 13 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे। इसके बाद भी शासन हमारी मांग पूरी नहीं की तो अनिश्चत कालीन हड़ताल चले जाएंगे।

जारी शैक्षणिक सत्र की शुरूआत दो माह देर से हुई है। पिछड़ी पढ़ाई अभी पूरी नहीं हुई है। ऐसे में शिक्षकों के हड़ताल पर जान बच्चों का अहित हो रहा हैं। प्राथमिक शाला की पढ़ाई बेसिक बढ़ाई का आधार होता है। शिक्षा विभाग की ओर से भले ही मिडिल स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है लेकिन यहां भी शिक्षकों की है। मिडिल के शिक्षकों के प्रायमरी स्कूलों में चले जाने मिडिल की पढ़ाई प्रभावित होगी। छुरी संकुल अंतर्गत प्रायमरी स्कूल में पदस्थ चारों शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गया था। मिडिल स्कूल के शिक्षकों को भेज स्कूल संचालित किया गया।

वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर हड़ताल जैसे सिलसिला ही शुरू हो गया है। शिक्षकों के हड़ताल के पहले ही दिन शुक्रवार को आंगन बाड़ी केंद्र के कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने केंद्र बंद कर आंदोलन शुरू कर दी है। छोटे बच्चों के पोषण आहार व पढ़ाई जैसे संवेदनशील मामला होने के बाद शासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इधर स्कूल में शिक्षक के नहीं आने बच्चों के मजे हो गए हैं। ऐसी ही दशा रही तो आगामी दिनों में स्कूलो में बच्चों की उपस्थिति पर भी असर होगा। आनलाइन पढ़ाई के कारण शिक्षा का स्तर पहले ही कमजोर है। ऐसे में शिक्षकों के हड़तात से छोटे बच्चों का शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा।

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