26 को होने वाली हड़ताल में सरपंचों ने दिया समर्थन
कोरबा 25 दिसंबर। कुसमुंडा खदान में नियोजित ठेका कंपनियों में स्थानीय लोगों को भर्ती की मांग को लेकर क्षेत्रवासी लामबंद होने लगे हैं। 26 दिसंबर को खदान बंद कराने की रुपरेखा तैयार की जा रही हैं। इसमें सरपंचों ने भी अपना समर्थन दिया है।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में झंझावत खत्म नहीं हो रही है। भू-विस्थापितों का धरना लगातार जारी है। वहीं अब ठेका कंपनियों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग उठने लगी है। पिछले दिनों पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल की अगुवाई में महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया गया था, तब प्रबंधन ने आश्वस्त किया था कि ठेका कंपनियों से चर्चा कर काम दिलाने का प्रयास किया जाएगा, पर अभी तक सकारात्मक पहल नहीं होने पर अब पुनः आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है। गांव-गांव में बैठक की जा रही है। अजय जायसवाल ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन खदानों में काम के लिए बाहर के कंपनियों को मिट्टी खनन से लेकर कोयला लोडिंग, खदानों में वर्कशाप में निर्माण से लेकर बहुत काम ठेका पद्धति से करा रही है। ठेकेदार लोकल प्रभावितों को काम पर रखने के बजाय अन्य प्रांतों के लोगों को रख रहे हैं। स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एसईसएल प्रबंधन की वादा-खिलाफी से परेशान होकर 26 दिसंबर को एसईसीएल कुसमुंडा खदान बंद कर स्थानीय लोगों को रोजगार की मांग करेंगे। आंदोलन में 18 पंचायत के सरपंचों ने अपना समर्थन भी दिया है। जायसवाल ने कहा कि 70 फीसद स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार की मांग करेंगेए जबतक रोजगार नही मिलेगा, घर नहीं लौटेंगे।