October 2, 2024

द्विपक्षीय वार्ता के बाद समस्या का हुआ निदान, काम पर लौटे आपरेटर

कोरबा 12 फरवरी। गेवरा खदान के डंपर आपरेटरों की द्विपक्षीय वार्ता के बाद दूसरे दिन द्वितीय पाली में काम पर वापस लौटे। करीब 36 घंटे काम बंद आंदोलन चला। प्रबंधन ने सभी कर्मियों का निलंबन वापस लेनेए इस्ट व वेस्ट को एक साथ अप्रैल माह से मर्ज करने समेत अन्य मांगें पूरी की। अघोषित काम बंद किए जाने की वजह से एक लाख टन से भी ज्यादा कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसका सीधा असर उद्योगों को आपूर्ति किए जाने वाले कोयले पर पड़ेगा।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की गेवरा खदान के वेस्ट एमटीके में 150 टन क्षमता के डंपर में कार्यरत 80 आपरेटरों ने गुरूवार को प्रथम पाली से अचानक काम बंद कर दिया और हाजिरी नही लगाते हुए बहिष्कार कर दिया। आपरेटरों ने प्रबंधन पर इस्ट व वेस्ट में कार्यरत कर्मियों के मध्य भेदभाव की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस्ट में 240 टन क्षमता डंपर चला रहे आपरेटरों को सामान्य ड्यूटी करने पर चार घंटे का ओवहरटाइम दिया जा रहा है, पर वेस्ट में कार्यरत आपरेटरों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। आठ घंटा से ज्यादा ड्यूटी लिया जा रहा। इसके साथ अन्य मांग रखी थी। प्रबंधन ने समझाइश देने के प्रयास किया, पर आपरेटर नहीं मानें। इसके बाद प्रबंधन ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए वेतन काटने का आदेश जारी किया, इसके बाद 10 आपरेटरों को निलंबित कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने भी समझाइश दी कि काम चालू किया जाए, पर आपरेटरों ने दो टूक कह दिया कि श्रमिक संघ से हमारी समस्या निराकरण नहीं कर रही, इसलिए उनसे कोई वार्ता नहीं की जाएगी। अपनी लड़ाई स्वयं लड़ेंगे। गुरूवार को तीनों शिफ्ट काम बंद होने शुक्रवार को प्रथम पाली व द्वितीय पाली में आधे समय तक काम बंद रखा। बाद में श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के माध्यम से वार्ता हुई और आपरेटरों की समस्या का निदान किया गया, तब द्वितीय पाली में आधे वक्त आपरेटरों ने काम किया। बैठक में महाप्रबंधक एसपी सिंह भाठी, उप महाप्रबंधक कार्मिक एस परीड़ा, प्रबंधक कार्मिक, श्रीकांत मल्लेपाका, श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की ओर से एचएमएस से रेशमलाल यादव, एससी मंसूरी, एसईएमएस दीपक उपाध्याय, एलपी अघरिया, सीटू से एस सामंतो, संतोष मिश्रा तथा इंटक से डीके मिश्रा व गोपाल यादव उपस्थित रहे।

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