November 22, 2024

सीएसईबी कालोनी के आवास में गिरा पेड़, बाल-बाल बचा परिवार

कोरबा 23 मई। यहां की सीएसईबी कालोनी में पिछली रात आम का भारी भरकम पेड़ एक आवास के सामने के हिस्से में जा गिरा। बिजली गुल के दौरान परिजनों की नींद टूटी तो उन्होंने यहां का हालचाल देखा। गनीमत यह रही कि परिजन दूसरे हिस्से में सोए हुए थे जो इस घटना में बाल.बाल बच गए। जबकि प्रभावित क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। सीएसईबी के सिविल विभाग को इस बारे में जानकारी दी गई है।   

जानकारी के अनुसार सीएसईबी कालोनी स्थित ओबी.2 आवास में यह घटना बीती रात्रि हुई। इस आवास में सीएसईबी कर्मचारी यशवंत निषाद का परिवार निवासरत है। काफी समय से आवास के सामने मौजूद आम के बड़े पेड़ को लेकर खतरा बना हुआ था। पहले भी यहां पर समस्याएं पेश आई थी इसलिए जरूरत जताई जा रही थी कि इसे यहां से हटाने की व्यवस्था की जाए। कर्मचारी द्वारा दी गई सूचना को विभाग के अधिकारियों ने काफी हल्के में लिया। दुष्परिणाम यह हुआ कि मौसम के बदले तेवर के बीच गत रात्रि यह हादसा हो गया। यशवंत ने बताया कि जोर की आवाज के साथ यह पेड़ टूटने के साथ आवास के सामने हिस्से में आ गिरा। इससे खपरैल और अंदर के फॉल सिलिंग को नुकसान पहुंचा। वहां का पूरा मलबा फर्श पर आ गिरा। घटना के दौरान हुई आवाज को सुनकर दूसरे कमरे में सो रहे परिजनों की तंद्रा भंग हुई। कुछ देर बाद उन्होंने यहां का हालचाल देखा तो हतप्रभ रह गए। बाहर के हिस्से का जायजा लेने पर मालूम चला कि पेड़ की कई टहनियां खपरैल को अपने कब्जे में ले चुकी है। पूरे हिस्से में जमकर नुकसान हुआ। यशवंत ने बताया कि कुछ समय से आशंका को भांपकर उन लोगों ने सामने के हिस्से का उपयोग करना बंद कर दिया था। अगर यह बदलाव नहीं किया गया होता तो बड़े नुकसान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था।   

घटना की जानकारी आज सुबह सिविल मेंटेनेंस डिविजन को दी गई। इसके बाद अलग.-अलग स्तर पर मजदूरों की व्यवस्था कर उस पेड़ को काटने का इंतजाम किया गया जो यहां पर बाधक बना हुआ था। यशवंत ने कहा कि इस घटना से जो कुछ नुकसान हुआ है इसके लिए हर जरूरी प्रक्रियाओं को संपादित किया जाएगा। प्राकृतिक कारणों से होने वाली घटनाओं में राजस्व विभाग के द्वारा संबंधित लोगों को क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का प्रावधान है। सरकार ने इसके लिए प्रक्रियाएं बनाई है। उक्तानुसार लोगों को प्रापर चैनल जानकारी देने के साथ आवेदन करना होता है। इसके बाद मौके का मुआयना करते हुए नियमों के तहत क्षतिपूर्ति का भुगतान प्रशासन करता है।

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