बेरोजगारों को नौकरी देने की मांग को लेकर भू-विस्थापितों ने किया ठेका कंपनी का काम बंद
कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना में नियोजित नीलकंठ कंपनी के खिलाफ एक बार फिर भू-विस्थापितों का आक्रोश फूट पड़ा है। कंपनी में रोजगार की मांग को लेकर स्थानीय बेरोजगारों ने ठेका कंपनी का काम बाधित कर दिया।
मानिकपुर के बाद कुसमुंडा खदान में भी रोजगार के लिए स्थानीय भू-विस्थापितों ने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया है। खदान में नियोजित नीलकंठ ठेका कंपनी में स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देने की मांग को लेकर कई गांव के भू-विस्थापितों ने प्रदर्शन करते हुए हड़ताल शुरु कर दिया है। भू-विस्थापितों ने कहा है कि उन्हें जब तक नौकरी नहीं मिलती है तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। नीलकंठ कंपनी को कोयला उत्पादन से जुड़े कार्य के लिए प्रबंधन ने नियोजित किया है। भू-विस्थापितों का कहना है कि कंपनी स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। कई बार शिकायत के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से रविवार को उनका आक्रोश फूट पड़ा। बड़ी संख्या में भू-विस्थापित कंपनी के कार्यालय पहुंचे और कुसमुंडा खदान में चल रहे कंपनी के काम को बाधित कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब कंपनी के खिलाफ आंदोलन हुआ हो। इससे पहले भी भू-विस्थापित आंदोलन करते रहे हैं। अब देखना होगा कि आंदोलन के बाद प्रभावितों को रोजगार मुहैया कराया जाता है या फिर पुन: आश्वासन के साथ ही आंदोलन समाप्त होता है।