विकार दूर करने का सर्वोत्तम माध्यम है भागवत कथा : पंडित मुरारी
कोरबा (दीपका)। दीपका के सिरकी खुर्द गांव में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा जारी है। नाथूराम यादव परिवार ने इसका आयोजन किया है।
कथा के पांचवे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यासपीठ से भागवताचार्य पंडित मुरारी लाल त्रिपाठी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अपने आविर्भव से लेकर अब तक असंख्य लोगों का मार्गदर्शन करने के साथ कई प्रकार के विकारों को दूर करने में भूमिका निभा रही है। चित्त को सकारात्मक बनाने और उसे प्रभु के सुमिरन में लगाने का काम धार्मिक संदर्भ किया करते हैं। भगवान, संत, महापुरुषों के दर्शन की महिमा का वर्णन करने के साथ उन्होंने बताया कि जिन चरित्रों के दर्शन से जनमानस की दृष्टि अच्छी होती है, उनका सामीप्य हर हाल में प्राप्त करना चाहिए। कथा के अंतर्गत भगवान कृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन पर्वत धारण के प्रसंग पर विशेष रूप से रोशनी डाली गई और विविध संदर्भ में इसकी व्याख्या की गई। आचार्य त्रिपाठी ने कथा के अंतर्गत विशेष रूप से यह बात भी कही कि भगवान के अवतार भक्तों को आनंद प्रदान करने के लिए होते हैं। अब तक भगवान के 24 अवतार हुए और उन्होंने इसके माध्यम से कुल मिलाकर समाज को सुसंगत बनाते हुए सज्जन शक्ति की रक्षा की और दुर्जनों का विनाश करने का कर्म किया। पंडित त्रिपाठी ने वर्तमान में भारत और विश्व में सनातन की धूम को लेकर भी प्रसन्नता जताई और कहा कि इस समय भारत में सनातन का डंका बजता रहा है और फिर से स्थितियां इसके अनुकूल भी हो रही है। इस अवसर पर आसपास के गांव से सैकड़ों श्रद्धालु भक्त संगीतमय भागवत कथा की पावन प्रसंग को सुनने आयोजन स्थल पहुंच रहे हैं।