हिंदू नववर्ष शोभायात्रा को लेकर बैनर-पोस्टर से पटा शहर
0 चौक-चौराहों में लगाए गए कटआटउ व रंगीन झालर बने आकर्षण का केंद्र
कोरबा। चैत्र नवरात्र के पहले दिन 22 मार्च से शुरू हो रहे हिंदू नव वर्ष को सर्व हिंदू समाज ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। हिंदू नव वर्ष की शोभायात्रा को लेकर पूरा शहर बैनर पोस्टर व देवी देवताओं की तस्वीरों से पट गया है। शोभायात्रा में कहां क्या खास होगा, इसकी जानकारी देने वाले बैनर पोस्टर सभी चौक चौराहों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी नजर आने लगे हैं। रात के समय शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर लगाए गए कटआउट रंगीन झालरों की रोशनी में लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
शोभायात्रा में देशभर से अलग-अलग विधाओं में महारत प्राप्त 30 से अधिक टीमों के साथ कलाकारों का दल भाग लेने आने वाला है। आयोजकों की मानें तो शोभायात्रा इतनी भव्य होगी कि केवल कलाकारों की संख्या ही एक हजार से अधिक रहेगी। जहां तक शोभायात्रा में शामिल होने वालों की बात है तो जिले भर से लोग आएंगे, जिनकी संख्या अमूमन 20 हजार से अधिक होने की संभावना है। दिव्य दिवस 22 मार्च का बहरहाल हर किसी को इंतजार है। इस दिन श्रीराम जानकी मंदिर सीतामढ़ी से कोसाबाड़ी स्थित मनसा पूरण हनुमान मंदिर तक भगवान श्रीराम सहित अन्य देवी देवताओं की दो शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोनों का समागम टीपीनगर चौक पर होगा। पहली शोभायात्रा हनुमान मंदिर कोसाबाड़ी से दूसरी श्रीराम जानकी मंदिर से निकलेगी। दोपहर 3 बजे से निकलने वाली दोनों ही शोभायात्रा में वाराणसी, उत्तर प्रदेश से शिव जी अघोरी झांकी, वृंदावन की राधा कृष्ण झांकी, दिल्ली के बाहुबली हनुमान की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहेगी। शोभायात्रा में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दक्षिण भारत, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली के साथ छत्तीसगढ़ के कलाकारों, वाद्य यंत्र टीम, नर्तक दल के कलाकारों की टोली प्रदर्शन करेगी। यह शोभायात्रा हिंदू क्रांति सेना, सर्व हिंदू समाज, दुर्गा वाहिनी, हिंदू महासभा, हिंदू जागरण मंच, हिंदू युवा वाहिनी, श्री राम सेना समेत अन्य हिंदू संगठनों के सहयोग से निकाली जाएगी।
0 प्रांतीय लोक संस्कृति की बिखरेगी की छटा
शोभायात्रा में मेजबान कोरबा समेत देश के अन्य प्रांतों की लोक संस्कृति की झलक नजर आएगी, जिसमें बिलासपुर से राउत नाचा दल, लेमरू से करमा नर्तक दल, चचिया की महिला करमा नर्तक दल, बस्तर का गौड़ नृत्य, अजगरबहार से पंथी नृत्य, पश्चिम बंगाल का ढाक बाजा, इतवारी नागपुर से ढोल तासा, ओडिशा का निशान, कोरबा से प्रतिमा की झांकी, उत्तर प्रदेश से लाइव झांकी, उज्जैन से डमरू वंदना, शंखनाद, कोरबा का धुमाल, दुर्ग का स्वरमाला डीजे शामिल है।
0 आकर्षण का केंद्र रहेगी झांकी
जयपुर से ऊंट, गिधौरी से घोड़ी बग्गी, सक्ती से महाकाल रथ, पंजाब से गतका गु्रप, दिल्ली से बाहुबली हनुमान, वृंदावन से राधाकृष्ण की झांकी, उत्तर प्रदेश से शिवजी अघोरी झांकी, काली मईया का रौद्र रूप, छत्तीसगढ़ का क्रेन लाइट शो, लाइट डेकोरेशन, भव्य आतिशबाजी, 51 व्यक्तियों की तीर व मशान यात्रा की झांकी, 25 किन्नरों का स्वागत, महाराणा प्रताप टीम का भव्य रुद्राभिषेक शोभायात्रा के दौरान देखने को मिलेगा।