एटक कार्यालय में मनाया गया शहीद भगत सिंह का शहादत दिवस
0 कॉमरेड हरिनाथ सिंह व एमएल रजक रहे मुख्य वक्ता
कोरबा। एल्युमिनियम एंप्लाइज यूनियन (एटक) कार्यालय मुस्ताक भवन बालकोनगर में शहीद भगत सिंह का शहादत दिवस गुरुवार 23 मार्च को शाम 6.30 बजे पुष्प अर्पित कर व मौन धारण कर मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राज्य (एटक) के महासचिव कामरेड हरिनाथ सिंह एवं राज्य (एटक) के सचिव कॉमरेड एम.एल. रजक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यूनियन के महासचिव सुनील सिंह ने कहा कि शाहिद भगत सिंह का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और जिस गांव में जन्म हुआ वह गांव आज पाकिस्तान में है। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उन्होंने बहुत ही कम उम्र में आजादी की लड़ाई में अपने दोस्तों के साथ शामिल हो गए और बहुत ही कम उम्र में उन्हें फांसी दे दी गई। राज्य एटक के महासचिव कामरेड हरिनाथ सिंह ने कहा की शहादत दिवस हर साल मनाते हैं, लेकिन किसी ने अभी तक शहीद भगत सिंह के सपनों को पूरा करने के लिए उनके रास्तों पर नहीं चला। उन्होंने कहा कि केंद्र में जो सरकार बैठी है वह आने वाले समय में भारत देश को फिर से गुलामी के रास्ते पर ले जाने का पूरी तरह प्लान कर लिया है। हिंदू मुस्लिम को आपस में लड़ाने का काम करती है। हम सभी को आपस में एक होकर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलना है और हर किसी को काम करने की बोलने की आजादी होनी चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड पवन कुमार वर्मा ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु का आज शहादत दिवस है। 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश सरकार ने उन्हें फांसी पर लटका दिया था। भगत सिंह जेल में रहते हुए लिखा था और वह 27 सितंबर 1931 को लाहौर के अखबार द पीपल में प्रकाशित हुआ। भगत सिंह लिखते हैं मैं नास्तिक क्यों हूं आज हम सबको इस लेख को पढ़ने की जरूरत है। शहीद भगत सिंह शहादत दिवस पर अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में कामरेड एम.एल. रजक, एस.के. सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, धर्मेंद्र सिंह, सुग्रीव यति, वकील राम, तबरेज अहमद, फुलेन्दर पासवान, अवधेश राम, इंद्राणी श्रीवास, विजयलक्ष्मी चौहान सहित अन्य सैकड़ों लोग उपस्थित हुए। अंत में नारे लगाकर कार्यक्रम का समापन किया गया।