बंजर जमीन पर बहुद्देशीय खेती-बाड़ी कर रेखा ने बदली अपनी जिंदगी
0 कड़ी मेहनत से आए अच्छे दिन
कोरबा। बंजर जमीन पर बहुउद्देशीय खेती-बाड़ी कर रेखा ने अपनी जिंदगी बदल दी। आत्मनिर्भरता की राह पर चलते हुए रेखा एक सफल उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हो चुकी है। कड़ी मेहनत से रेखा के अच्छे दिन आए हैं।
करतला ब्लॉक के ग्राम बोतली की रहने वाली रेखा कुजूर अपने पति अब्राहम के साथ रहती हैं। उसने अपनी काबिलियत को पहचाना और 2 एकड़ बंजर जमीन में बहुउद्देशीय खेती-बाड़ी शुरू की। खेत में आम, काजू व नीबू के पौधे लगाए, ताकि परिवार को लंबे समय तक सीजन में फल मिले और उससे आमदनी हो। कुजूर दंपती की मेहनत का सुखद परिणाम एक साल में ही दिखने लगा। बंजर भूमि में जहां पौधे लग गए, वहीं खाली जमीन में अंतरवर्तीय फसल लहलहाने लगी। इसी तरह पशुपालन भी करने लगीं। बत्तख, बकरी, मुर्गी, सूअर, मछली समेत पशुपालन कर इसकी बिक्री कर ग्रामीण क्षेत्र में एक सफल उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं। रेखा आज महिला उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हो गई है। एक समय था जब परिवार के समक्ष खाने के लाले पड़े हुए थे। संपत्ति के नाम पर पैतृक घर और गांव के बाहर दो एकड़ बंजर भूमि थी। स्थिति यह थी कि परिवार के सामने घर चलाने के लिए भी पैसे नहीं थे। इलाज के लिए भी कर्ज लेना पड़ गया था। अब उनकी मेहनत से अच्छे दिन आने लगे हैं। रेखा ने बताया कि खर्च निकालकर साल भर में 3 से 5 लाख तक की आय हो जाती है। एक बेटी रायपुर में एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रही है। रेखा का कहना है कि एग्रीकल्चर की दिशा में भविष्य बेहतर है। एक ही जगह पर मुर्गी, बकरी, बत्तख, सूअर, मछली और काजू, आम समेत अलग-अलग 10 प्रकार की सब्जियां उगाकर रेखा अब संपन्न होने लगी हैं।