November 22, 2024

सर्वाधिक कोयला डिस्पैच का एसईसीएल ने बनाया रिकॉर्ड

कोरबा। एसईसीएल ने इस वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक कोयला उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। 24 मार्च को एसईसीएल ने वर्ष 2022-23 के लिए 156.40 मिलियन टन कोयले का डिस्पैच कर लिया। इसी के साथ पुराने सभी वर्ष के कोयला डिस्पैच के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है।
एसईसीएल ने ऊर्जा जरूरतों के लिए इस बार भारी भरकम कोयला पावर प्लांट को आपूर्ति की है। वित्तीय वर्ष की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। वित्तीय वर्ष के शेष बचे दिनों में एसईसीएल के सामने भारी भरकम कोयला उत्पादन और डिस्पैच की चुनौती है। 25 मार्च तक की स्थिति में एसईसीएल ने 161.99 मिलियन टन उत्पादन और 156.90 मिलियन टन कोयला का उठाव कर लिया है। इस लिहाज से सालाना 182 मिलियन टन के टारगेट को हासिल करने अब शेष बचे 6 दिनों में 20 मिलियन टन उत्पादन और 25 मिलियन टन कोयला डिस्पैच करना होगा। लक्ष्य तक पहुंचने कंपनी को रोजाना 3 मिलियन टन से ज्यादा उत्पादन और 4 मिलियन टन से ज्यादा कोयला का उठाव करना होगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति को अब कुछ दिन रह गए हैं। इन दिनों में एसईसीएल को अपना सालाना लक्ष्य हासिल करने पूरा जोर लगाना होगा। एसईसीएल ने इस वित्तीय वर्ष में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। सर्वाधिक कोयला उत्पादन और डिस्पैच का रिकॉर्ड तो बनाया ही है, खदानों ने व्यक्तिगत तौर पर भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस वर्ष की सुनहरी उपलब्धियों को और भी खास बनाने कंपनी को 182 मिलियन टन के लक्ष्य तक पहुंचना होगा। हालांकि चुनौतीपूर्ण लक्ष्य तक पहुंचना एसईसीएल के लिए कतई आसान नहीं है। उत्पादन की बात की जाए तो लक्ष्य के मुकाबले 25 मार्च तक कंपनी ने 161.99 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है, जबकि उक्त अवधि तक 177.94 मिलियन कोयला उत्पादन हो जाना था। अब 31 मार्च तक 20.01 मिलियन कोयला उत्पादन करना है। डिस्पैच में 182 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले एसईसीएल लक्ष्य से पीछे चल रही है। मौजूदा स्थिति में 178.49 मिलियन टन के मुकाबले 156.90 मिलियन टन के उठाव को ही पूरा किया जा सका है। इस तरह अब लगभग 25.10 मिलियन टन और कोयला का उठाव करना है। दूसरी ओर एसईसीएल इस बार भी कोयला उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर ही बने रहेगी। दरअसल कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने 23 मार्च की स्थिति में 188.08 मिलियन टन उत्पादन दर्ज कर लिया है, जबकि एमसीएल के समक्ष 176 मिलियन टन का लक्ष्य था। इस दफे भी एमसीएल उत्पादन के मामले में टॉप पर रहेगा। देश की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा परियोजना में माइनिंग सर्विसेज के लिए सबसे बड़ा टेंडर जारी किया गया है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड प्रबंधन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जेम पोर्टल पर यह टेंडर जारी हुआ है। गेवरा खदान में हैंडलिंग, ट्रांसपोर्ट एवं अन्य खनन गतिविधियों के लिए जारी इस निविदा का अनुमानित मूल्य लगभग 2063 करोड़ रुपये है। आगामी वित्तीय वर्ष में का उत्पादन टारगेट बढ़ाया गया है। ऐसे में भारी-भरकम फंड से माइनिंग कार्यों को गति मिलेगी।

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