पहाड़ में विराजी मां चोढ़ा रानी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की लग रही भीड़
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। चैत्र नवरात्र पर्व पर पहाड़ा वाली मां चोढ़ा रानी मंदिर में भक्तों की भीड़ जुट रही है। सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। समिति के अध्यक्ष कार्तिक राम सरुते ने बताया कि नवरात्र पर्व पर मां चोढ़ा रानी के लिए छत्तीसगढ़ से दूरदराज के लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं और अपना मनोकामना की मन्नत मांग रहे हैं। माता रानी से जो भी मन्नत मांगते हैं उनका मुरादें पूरी होती है।
समिति अध्यक्ष ने बताया कि यह 100 साल पुराना मंदिर है। यहां मनोकामना ज्योति कलश जलाया जाता है व जवारा बोया जाता है। रात्रि को जस गीत, जगराता का गायन-भजन किया जाता है। साथ ही प्रसाद रूपी भोजन की व्यवस्था की गई है। मंदिर में पहाड़ के नीचे मां चोढ़ा रानी विराजमान है। बताया जाता है कि 100 वर्ष पूर्व ऊंचे पहाड़ से लगभग तीन किलोमीटर नीचे भारी भरकम चट्टान की भांति पत्थर आया था, जो कि चोढ़ा निवासी जंगी सिंह कंवर ने अपने भैंस को खोजते हुए उसी स्थान में पहुंचा। भैस नहीं मिल रहा था। थक हार कर उसी पत्थर को देवी मानकर एक बकरा देने का संकल्प किया, तो कुछ ही समय में पता चल गया कि भैंस कहां है। तब से धीरे-धीरे लोगों में आस्था बढ़ता गया। जानकारी मिलते ही कोरबा के रानी धनराज कुंवर ने सात दिन तक रहकर पूजा पाठ कर माता चोढ़ा रानी के नाम से स्थापना की। तब से हर नवरात्र में मनोकामना ज्योति ज्वारा जलाते हैं। मां की सेवा में अध्यक्ष कार्तिक राम सरुते, पुजारी बुधवारू सिंह नेताम, भागवत प्रसाद यादव, धनराज सिंह कामरो, बृजलाल पोर्ते, गोपाल मरकाम सहित ग्रामवासी लगे हुए हैं।