याचक बनकर जाओ तो छोटा बनकर : रमाकांत
0 ग्राम भलपहरी में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। भगवान विष्णु जब राजा बलि की भक्ति और यज्ञ से भयभीत हो गए और सोचा कि कहीं ये तीनों लोकों में राज कर लेगा, तब उन्होंने वामन अवतार लेकर राजा बलि से दान में तीन पग मांगा। राजा बलि ने सोचा कि छोटे से ब्रह्मांड देवता के तीन पग से क्या होगा। जब भगवान विष्णु अपने दैवीय स्वरूप में आये तो राजा बलि देखते रह गए। एक पग पर आकाश, दूसरे पर धरती और तीसरे पग पर राजा बलि ने अपना सिर रख भगवान विष्णु से दोनों हाथ जोड़कर बैठ गये। कथा का तातपर्य यह है कि हमेशा किसी से भी याचक बनकर जाओ तो छोटा बनकर जाओ।
ग्राम भलपहरी में चल रहे संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन कथा वाचक राष्ट्रीय भागवताचार्य रमाकांत महाराज ने अपने व्यास पीठ से श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए नरसिंह अवतार, मोहनी चरित्र, वामन अवतार, श्री राम जन्मोत्सव व श्री कृष्ण जन्म का ग्राम व क्षेत्रवासियों को रसपान कराया जा रहा है। कथा दोपहर 3 बजे से हरि इच्छा तक जारी रहती है। कथा का समापन 2 अप्रैल को गीता पाठ, हवन, सहस्त्रधारा, ब्राह्मण भोजन से होगा। प्रतिदिन भोग भंडारा की व्यवस्था श्रोताओं के लिए किया गया है। मुख्य यजमान बंशीलाल राठौर, राजकुमारी राठौर के यहां घर परिवार, ग्राम व क्षेत्र की सुख शांति मंगलमय के लिए संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन कराया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में रामप्रताप राठौर, उषा राठौर, रोहित कुमार, शशी राठौर, रामसिंह, संतोषी राठौर, राजेश ऋषि राठौर, सुप्रिया, प्रखर, शुभम, विश्वजीत राठौर जुड़े हुए हैं। कथा के पांचवें दिन कथा श्रवण करने पूर्व विधायक संसदीय सचिव लखन लाल राठौर, प्यारेलाल राठौर, परस राठौर, शिवरतन राठौर, धर्मेंद्र राठौर, नरेंद्र पाटनवार, गिरीश चंद्र कश्यप, कन्हैया राठौर, राजाराम राठौर, विनोद उपाध्याय, नरेंद्र राठौर, राजू राठौर, सोमनाथ राठौर सहित ग्राम व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।