भू-विस्थापितों से चर्चा करेगा निदेशक मंडल
0 आश्वासन पर स्थगित किया गया खदान बंदी
कोरबा। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले एसईसीएल क्षेत्र के भू-विस्थापित किसानों की रोजगार, मुआवजा, बसाहट और अन्य समस्याओं को लेकर 11 सूत्रीय मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है। इसके तीसरे चरण में 16 अप्रैल को कुसमुंडा खदान के उत्खनन और परिवहन कार्य रोकने का एलान किया गया था, जिसे प्रबंधन के आश्वासन पर स्थगित कर दिया गया। अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि उनके मांग के अनुरूप निदेशक मंडल और सक्षम अधिकारी भू-विस्थापितों से चर्चा करेंगे।
पहले चरण के आंदोलन में संगठन ने बीते 25 मार्च को गेवरा खदान में सुबह 5 से शाम 4 बजे तक एसईसीएल गेवरा खदान को पूर्ण रूप से करीब 11 घंटे बंद करा दिया था। इसी तरह से दूसरे चरण के दौरान दीपका क्षेत्र में दिनभर उत्खनन, परिवहन और रोड सेल प्रभावित हुआ था। पिछले आंदोलनों से सबक लेते हुए कुसमुंडा में प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर एसईसीएल प्रबंधन सकते में आ गया था। क्षेत्र स्तर के प्रबंधन वार्ता की पेशकश कर रहे थे, जिसे संगठन ने इनकार कर दिया था। संगठन की ओर से कहा गया कि क्षेत्रीय स्तर पर अधिकारी केवल गुमराह करने में लगे हैं। मामला मुख्यालय और बोर्ड स्तर का होने के कारण संगठन ने सीएमडी व बोर्ड मेंबरों की मौजूदगी में ही वार्ता कराने की शर्त रख दिया। आंदोलनकारियों ने कहा है कि क्षेत्रीय स्तर पर होने वाली बैठकों से कोई हल नहीं निकल पाया है। चर्चा और संवाद सीएमडी और बोर्ड मेंबरों के साथ होगी, क्योंकि मांगों को लेकर एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय सीएमडी को नोटिस दिया गया है और उसी स्तर पर समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। आखिरकार मुख्यालय से कार्मिक व भू-राजस्व तथा श्रम शक्ति विभाग ने सयुंक्त रूप से वार्ता कर समस्याओं के समाधान के लिए उचित कार्रवाई का पत्र जारी किया है। इसे मानते हुए 16 अप्रैल कुसमुंडा खदान बंद के प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित करने की सहमति दी गई है।