November 7, 2024

काम से हटाने के सख्त आदेश के बाद सहकारी समिति में पड़ी फूट, कर्मचारी लौटने लगे काम पर

कोरबा। नियमितीकरण, समान वेतन सहित सीधी भर्ती पर रोक की 3 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रांतीय आव्हान पर जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले सहकारी कर्मचारी 1 जून से बेमियादी हड़ताल में थे। काम से हटाने के सख्त आदेश के बाद अब सहकारी समिति में फूट पड़ गई है। कर्मचारियों की वापसी का दौर शुरू हो गया है। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं के आदेश के बाद करतला एवं कोरबा ब्रांच के अधीन आने वाली समितियों के कर्मचारी हड़ताल से वापस आ गए हैं। वहीं कटघोरा, पाली, पोड़ी उपरोड़ा, हरदीबाजार ब्रांच के अधीन आने वाली समितियों के कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं। समिति कोरकोमा एवं भैसमा में शुक्रवार को किसानों को खाद बीज का परमिट जारी किया गया।
नियमितीकरण, सरकारी कर्मचारियों के अनुरूप समान वेतन सहित जिला सहकारी बैंक में सीधी भर्ती पर रोक की 3 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश सहकारी कर्मचारी संघ के आव्हान पर जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले के 41 समितियों के सभी 200 से अधिक कर्मचारी 1 जून से बेमियादी हड़ताल पर हैं। कृषि कार्य की प्रारंभिक तैयारियों के बीच सहकारी कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से हड़कंप मच गया है। किसानों को खाद-बीज ऋण वितरण के लिए भटकना पड़ रहा है। समितियों में तालेबंदी की स्थिति निर्मित होने से निराश वापस लौटना पड़ा, जिससे किसानों को मानसून आने पर कृषि कार्य की चिंता सताने लगी है। स्थिति यथावत बने रहने पर किसानों के समक्ष व्यापारियों से कर्ज लेकर बाजार से महंगे दर पर खाद बीज खरीदने की स्थिति बन आई है। अब हड़ताल में समितियों में व्यवस्थांतर्गत कार्य कर रहे सेवायुक्त, कर्मचारी भी समर्थन कर शामिल हो गए हैं, जिससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हड़ताल से किसानों को हो रही असुविधा पर अब जिला प्रशासन भी एक्शन में आ गया है। कलेक्टर के निर्देश पर उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने हड़ताली कर्मचारियों पर नकेल कसने कड़ा रुख अपनाया था। उन्होंने ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति सेवा नियम 2018 में विहित प्रावधानों के तहत नहीं होने के बावजूद हड़ताल में शामिल होने पर नाराजगी जताते हुए जिला सहकारी बैंक के समस्त शाखा प्रबंधकों को 14 जून को पत्र जारी कर संबंधितों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन्होंने निर्देशित किया था कि ऐसे कर्मचारी जो प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसाइटियों के सेवायुक्तों के लिए जारी सेवा नियम के अंतर्गत भर्ती नहीं हुए हैं अथवा समिति में व्यवस्था के तहत कार्यरत हैं तथा जिनका नियमानुसार सेवा पुस्तिका संधारित नहीं है और हड़ताल में चले गए हैं अथवा कार्य पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं, ऐसे कर्मचारियों को 2 दिवस के भीतर कार्य से पृथक कर प्रतिवेदन भेजें। उक्त आदेश से हड़कंप मच गया। सहकारी कर्मचारियों में फूट पड़ गई।

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