भगवान हुए स्वस्थ, 20 को दादरखुर्द में निकलेगी रथयात्रा
कोरबा। भगवान जगन्नाथ 108 घड़े पानी से स्नान के बाद बीमार हो गए थे। 15 दिन तक पंडितों ने सेवा की। काढ़ा पिलाया, काली मिर्च और अदरक के पेड़े से भगवान की सेवा की गई। अब भगवान स्वस्थ हो गए हैं। इसके बाद नेत्रोत्सव मनाया गया। भगवान के मंदिर का पट खुलेगा। मंदिर के पुजारी पूजा-अर्चना करेंगे। भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र व सुभद्रा की पूजा-अर्चना की जाएगी।
नाथों के नाथ जगन्नाथ श्रद्धालु भक्तों के स्नान से बीमार होकर विश्राम कर रहे थे। इस कारण जगन्नाथ मंदिर का पट बंद था। लोक विश्वास व परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ को स्वस्थ करने की जुगत में दवा के रूप में काढ़े का भोग अर्पण कराया जा रहा था। इस काढ़े को प्रसाद के रूप में प्राप्त करने के लिए भक्तजन सुबह से शाम तक मंदिर पहुंच रहे थे और स्वयं समेत पूरे घरवालों को भी दे रहे हैं। लोगों का विश्वास है कि ऐसा करने से पूरा परिवार वर्ष पर्यंत स्वस्थ रहता है। जिले में रथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी है। रथजुतिया पर्व की तैयारी को लेकर ग्रामीणों में काफी उल्लास का माहौल देखा जा रहा है। आषाढ़ शुक्ल के द्वितीया को मनाया जाना वाला भगवान जगन्नाथ की शोभायात्रा, रथजुतिया पर्व 20 जून को धूमधाम से मनाई जाएगी। जगन्नाथ मंदिर और पुरी की तर्ज पर रथयात्रा का आयोजन के कारण कोरबा का गांव दादरखुर्द छोटा पुरी के नाम से भी प्रदेश में जाना जाता है। रथयात्रा के आयोजन में कोरबा जिले के अलावा पड़ोसी जिले के भी भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। गांव में भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। ग्राम दादरखुर्द का रथयात्रा उत्सव जिले भर में प्रसिद्ध है। ब्रह्म मुहूर्त में रथजुतिया के दिन मंदिर का पट खुलेगा। दर्शनीय रथ यात्रा को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए ग्राम दादरखुर्द के भगवान जगन्नाथ मंदिर में तैयारियां शुरू हो गई हैं।