November 25, 2024

रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर किसान सभा ने सीएमडी के नाम गेवरा महाप्रबंधक को सौंपा ज्ञापन

0 19 जुलाई को गेवरा कार्यालय महाघेराव आंदोलन की दी चेतावनी
कोरबा।
छत्तीसगढ़ किसान सभा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ ने संयुक्त रूप से एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में भू-विस्थापितों के लंबित रोजगार, बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभूत समस्याओं को लेकर एसईसीएल के सीएमडी के नाम गेवरा महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपते हुए 19 जुलाई को गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के महाघेराव करने की चेतावनी दी है।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि एसईसीएल द्वारा पूर्व में गेवरा, कुसमुंडा, दीपका, कोरबा क्षेत्र द्वारा कई गांवों का अधिग्रहण किया गया, लेकिन आज भी हजारों भू-विस्थापित रोजगार के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 632 दिन से किसान सभा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन चल रहा है, लेकिन प्रबंधन भू-विस्थापितों को गुमराह करने का काम करते आ रही है। किसी भी पुनर्वास ग्राम में बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इन समस्याओं की ओर कई बार प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन भू-विस्थापितों की इन समस्याओं के निराकरण के प्रति प्रबंधन गंभीर नहीं है। हर बार आंदोलन के समय झूठा आश्वाशन देने का काम प्रबंधन करता आ रहा है, जिससे भू-विस्थापितों में काफी आक्रोश है।

किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक ने कहा कि ज्ञापन में प्रभावित होने वाले सभी छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी देने, शासकीय भूमि पर काबिजों को भी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा देने, पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गये मकानों और शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिये जाने, पुनर्वास गांव को माडल गांव बनाने के साथ 11 सूत्रीय मांगपत्र एसईसीएल प्रबंधन को सौंपा गया है। किसान सभा नेता ने चेतावनी दी है कि यदि ग्रामीणों के रोजगार और पुनर्वास के सवाल पर प्रबंधन सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो 19 जुलाई को गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय में अनिश्चितकालीन घेरा डालो डेरा डालते हुए महाघेरव आंदोलन किया जाएगा।
भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, सुमेंद्र सिंह ठकराल, शिवदयाल कंवर, वीर सिंह, पवन यादव, बसंत चौहान ने कहा कि जिनकी जमीन एसईसीएल ने ली है उन्हें बिना किसी शर्त के रोजगार दिया जाए क्योंकि जमीन ही उनके जीने का एकमात्र सहारा था। आज भूखमरी की कगार पर भू-विस्थापित खड़े हैं। अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। 19 जुलाई को पूरे परिवार सहित हजारों भू-विस्थापित आंदोलन में शामिल होंगे। ज्ञापन की प्रति को विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों को भी भेजा गया है।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, सुमेंद्र सिंह ठकराल, रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, शिवदयाल कंवर, बसंत चौहान, वीर सिंह, पवन यादव, नरेंद्र राठौर के साथ बड़ी संख्या में भू-विस्थापित उपस्थित थे। गेवरा महाप्रबंधक एसके मोहंती के साथ भू-विस्थापितों ने बैठक में लंबित रोजगार और पुनर्वास की समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा।
0 ये है प्रमुख मांगे

  • पूर्व में अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर सभी भू-विस्थापितों को रोजगार प्रदान किया जाए।
  • जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है और की जा रही है उन सभी छोटे-बड़े खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाए।
  • शासकीय भूमि पर काबिजों को भी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को रोजगार प्रदान किया जाए।
  • अधिग्रहित ग्रामों को पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
  • कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित किये गये जमीनों को मूल किसानों को वापस किया जाए।
  • एसईसीएल में आउटसोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भू-विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100 फीसदी रोजगार में रखा जाए।
  • प्रभावित एवं पुनर्वास गांव की महिलाओं को स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
  • पुनर्वास गांव में काबिज भू-विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए।
  • पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गए मकानों, शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिया जाए।
  • डिप्लेयरिंग प्रभावित गांव में किसानों को हुये नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदान किया जाए।
  • विजयनगर (बरेली , खुसरूडीह , कोसमंदा , बिंझरा), गंगानगर, नेहरू नगर, भैसमाखार, वैशालीनगर, बेलटिकरी, सिरकी समेत पुनर्वास सभी गांव को पूर्ण विकसित मॉडल गांव बनाया जाए और सभी मूलभूत सुविधाएं पानी बिजली नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाए।
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