तीन दिन बाद भी किसानों ने नहीं कटाया टोकन, जिले में धान खरीदी को बोहनी का इंतजार
0 मतदान के बाद प्रक्रिया में तेजी आने के आसार
कोरबा। धान खरीद शुरू होने के पहले और दूसरे दिन जिले के एक भी उपार्जन केंद्र में धान की बोहनी नहीं हुई। तीसरे दिन के लिए भी किसानों ने टोकन नहीं कटाया। वर्षा में देरी के कारण इस वर्ष खेती का काम पिछड़ गया है। जिसका असर खरीदी पर भी पड़ा है। मोटा धान की कटाई शुरू हो चुकी हैं वहीं पतला धान को तैयार होने में पखवाड़े भर का समय लगेगा। वही विधानसभा चुनाव के तहत मतदान का इंतजार भी अधिकांश किसान कर रहे हैं।
राज्य शासन ने खरीफ वर्ष 2023-2024 के लिए धान खरीदी काम शुरू हो चुका है। बताना होगा कि जिले में धान पकने के लिए अभी पखवाड़े भर की देरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि धान बिक्री में सक्रियता 17 नवंबर के बाद से ही आएगी। दीपावली के बाद किसानों ने धान को सुरक्षित रखने व मिसाई करने खलिहानों की साफ सफाई शुरू हो गई है। मोटा धान अब पकने के कगार में है जबकि पतला धान को पकने में पखवाड़े भर से भी अधिक समय लगेगा। खेतों में वर्मी कंपोस्ट का उपयोग को बढ़ावा मिला है। भले ही मानसून आगमन देरी से हुई, लेकिन इस वर्ष खेती को वर्षा का पर्याप्त साथ मिला है। खास बात यह है कि इस बार पुराने से अधिक नए बारदानों की उपार्जन केंद्रों में आपूर्ति अधिक की गई है। जिला विपणन विभाग के अधिकारी जाह्नवी जिलहरे के अनुसार 12 लाख से भी अधिक बारदाने मिले हैं। उपार्जन केंद्रों में बीते वर्ष हुई खरीदी के अनुपात में बारदानों की आपूर्ति की जा चुकी हैं। अब तक तक नए पुराने मिलाकर 42 लाख बारदानों का संग्रहण किया जा चुका है। उधर मिलिंग कार्य के लिए के लिए मिलर्स से अनुबंध की प्रक्रिया जिला खाद्य विभाग ने शुरू कर दी है।
0 बीते वर्ष की तुलना 43,256 से बढक़र 48,276 हुए किसान
बीते वर्ष उपार्जित धान की मिलिंग जिले के 87 मिलर्स ने की थी। नए खरीफ वर्ष 5,356 नए किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत किसानों की संख्या बीते वर्ष की तुलना 43,256 से बढ़कर 48,276 हो गया है। पंजीकृत रकबा में 4,445 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। कुल 69,457 हेक्टेयर रकबा में लगे धान की खरीदी होगी। उपार्जन लक्ष्य बढ़ने से मिलर्स की संख्या में वृद्धि हो सकती है। बंपर उपज से खरीदी लक्ष्य से बढ़ सकती है।