October 6, 2024

किसान पहुंचने लगे उपार्जन केंद्र, धान खरीदी पकड़ने लगी रफ्तार

0 चक्रवाती तूफान के कारण भी खरीदी हुई लेट
कोरबा।
चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल ने किसानों के लिए कई घोषणा की। इन घोषणाओं पर किसानों की नजर थी, जिसके कारण किसान परिणाम आने तक धान बेचने के पक्ष में नहीं थे। इसके चलते चुनाव के दौरान धान खरीदी की प्रक्रिया सुस्त रही। चुनाव परिणाम आने के बाद चक्रवाती तूफान ने खरीदी में कुछ विलंब किया। अब मौसम साफ है, चुनाव निपट चुके हैं तो किसान भी उपार्जन केंद्रों तक अपनी मेहनत की कमाई बेचने पहुंच रहे हैं।
1 नवंबर से कोरबा जिले में 65 केंद्रों में धान खरीदी का काम सरकार के द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर जारी है। 9 दिसंबर तक की स्थिति में सामान्य रफ्तार से यह काम चला। कुल 2914 किसानों के द्वारा उत्पादित धान केंद्रों में पहुंची है। 29.77 करोड़ रुपये की यह धान 1 लाख 36 हजार क्विंटल बताई गई है। सीसीबी के लिए जारी रिपोर्ट में इन तथ्यों को शामिल किया गया है। इसके अनुसार 1 नवंबर से 9 दिसंबर की स्थिति में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की रफ्तार औसत से कम है। मौजूदा स्थिति में सहकारी बैंक की 6 शाखाओं से जुड़े 2914 किसानों ने मोटा, पतला और सरना श्रेणी का 1 लाख 36 हजार 395.60 क्विंटल धान का विक्रय अपने नजदीकी उपार्जन केंद्र में किया है। कटघोरा में 594 किसानों ने 25 हजार 483.60 क्विंटल, कोरबा में 254 किसानों ने 11 हजार 334.80 क्विंटल, दीपका में 126 किसानों ने 5061.20 क्विंटल, पाली में 728 किसानों ने 30968.40 क्विंटल, पोड़ी-उपरोड़ा में 433 किसानों ने 19221.20 क्विंटल और बरपाली में 779 किसानों ने 44326.40 क्विंटल धान का विक्रय किया है। जिला सहकारी बैंक की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि अब तक की स्थिति में सर्वाधिक उपार्जन और राशि का आंकड़ा बरपाली शाखा में है जबकि दूसरे नंबर पर पाली और तीसरे नंबर पर कटघोरा इकाई बनी हुई है। वर्ष 2022-23 में धान खरीदी का काम कोरबा जिले में कुल 54 केंद्रों में किया गया था। अलग-अलग आधार पर व्यावहारिक कारण बताते हुए किसानों ने सुविधा देने की मांग की थी। इनका परीक्षण कराया गया और बात को ध्यान में रखने के साथ मौजूदा सत्र में 11 उपार्जन केंद्रों की बढ़ोतरी की गई। इस तरह अब 65 स्थानों पर खरीफ की फसल धान की पैदावार करने वाले किसानों को सहूलियत दी जा रही है। सभी स्थानों पर आवश्यक प्रबंध करने के साथ उपार्जन का काम जारी है।

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