टीपी नगर रेलवे क्रॉसिंग पर गड्ढों से आवागमन हो रहा मुश्किल
0 मरम्मत में नहीं ध्यान, गुजरने वाले लोग हो रहे परेशान
कोरबा। टीपी नगर चौक के बाजू से गुजरने वाली रेल लाइन की सड़क जर्जर हो चुकी है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। यहां से गुजरने वाली गाड़ियां हिचकोले खाती हुई चलती है। इन गड्ढों में कई बार मालवाहक गाड़ियां फंस जाती हैं। उनका इंजन तक बंद हो जाता है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। प्रबंधन की ओर से कई बार सड़क की मरम्मत की जाती है, लेकिन हर बार इसमें खानापूर्ति कर दी जाती है। इस कारण सड़क मरम्मत के कुछ माह में ही डामर और गिट्टी उखड़ जाती है। बावजूद इसके गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
टीपी नगर स्थित रेलवे फाटक की जर्जर सड़क लोगों की परेशानी का कारण बन गई है। समस्या को लेकर न तो सार्वजनिक कंपनी ध्यान दे रही है और न ही नगर निगम। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर चौक के पास से दो कंपनियों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली रेल लाइन गुजरती है। एक लाइन बालको को जाती है तो दूसरी लाइन छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी के संयंत्र तक। कोयला लदान बढ़ाने के लिए कई बार लॉगहॉल (दो मालगाड़ियों को एकसाथ जोड़कर) मालगाड़ी दौड़ाई जाती है। इसका दबाव रेल लाइन से लगे सड़क पर पड़ता है। इसके अलावा दिनभर दोपहिया, चार पहिया, बस सहित अन्य वाहनों के दबाव से सड़क अत्यंत जर्जर हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। आलम यह है कि जर्जर सड़क पर वाहनों के पहिए फंस रहे हैं। सड़क पर वाहनों के पहिए हिचकोले खा रहे हैं। फाटक बंद होने पर जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इस जाम से निकलने के दौरान गड्ढे में पहिए फंस रहे हैं और गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाती। अचानक से गाड़ी तेज रफ्तार में निकल जाती है। इससे दो वाहनों में टक्कर हो रही है, तो वहीं कई बार सड़क के पीछे बैठे महिला, बुजुर्ग, बच्चे सड़क पर गिर रहे हैं। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। वहीं बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
रेलवे फाटक पर कई बार मालगाड़ी रोक दी जाती है। इससे टीपी नगर चौक पर जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस दौरान जरूरी कार्य पर जाने वाले लोगों को सीएसईबी चौक या शारदा विहार फाटक होकर आवागमन करनी पड़ती है। इससे लोगों को अनावश्यक परेशानी होती है। इस समस्या को लेकर कई बार रेलवे प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन का भी ध्यान आकृष्ट कराया गया है, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। लोग परेशान हैं।