महापौर ने शासन और जनता को किया गुमराह, सभी शासकीय खर्चों की हो रिकवरी : हितानंद
0 महापौर का जाति प्रमाण पत्र शून्य घोषित, कलेक्टर को पत्र सौंपकर की पद से हटाने की मांग
कोरबा। महापौर राजकिशोर प्रसाद द्वारा नगरीय निकाय चुनाव के दौरान प्रस्तुत किया गया जाति प्रमाण पत्र शून्य घोषित कर दिया गया है। उक्त फैसले का कोरबा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने स्वागत किया है। वहीं कलेक्टर को पत्र सौंपकर महापौर को पद से तुरंत हटाने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी आदेश में उल्लेखित है कि तहसीलदार कोरबा द्वारा पांच दिसंबर 2019 को अनुमोदित अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को प्रथम दृष्ट्या संदेहास्पद एवं कपट पूर्वक प्राप्त करने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अंतिम जांच होने तक निलंबित करने तथा अनावेदक राजकिशोर प्रसाद द्वारा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए उपयोग नहीं किए जाने संबंधी आदेश जारी करने के निर्देश सक्षम अधिकारी को दिया गया है।
उक्त आदेश के तहत राजकिशोर प्रसाद द्वारा अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को किसी भी प्रकार के हितलाभ के लिए उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा पार्षद ऋतु चौरसिया द्वारा राजकिशोर प्रसाद के अन्य पिछड़ा वर्ग के अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी गई थी। नेता प्रतिपक्ष हितानंद ने इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि अंतत: सत्य की जीत हुई है। महापौर ने 4 साल से अधिक समय फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये महापौर की कुर्सी पर बैठकर पिछड़ा वर्ग के लोगों का हक मारने का काम किया है। निगम नेता प्रतिपक्ष हितानंद ने महापौर द्वारा शासन से जो लाभ प्राप्त किये हैं उसकी रिकवरी की भी मांग की है। नेता प्रतिपक्ष हितानंद सहित भाजपा पार्षदों ने कलेक्टर को पत्र सौंपकर महापौर को पद से तुरंत हटाने की मांग की है।