November 24, 2024

बदले मौसम से मेडिकल कॉलेज में मरीजों की लग रही भीड़

0 उल्टी, दस्त, बुखार व लू के मरीज ज्यादा
कोरबा।
इन दिनों गर्मी की तपन व शाम को बूंदाबांदी ने जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में ओपीडी मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। ज्यादातर उल्टी-दस्त व हीट स्ट्रोक के मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे है।
मौसम में आए बदलाव सुबह तापमान बढ़ने व शाम को बूंदाबांदी के कारण जिले में डिहाइड्रेशन सहित विभिन्न संक्रामक रोग फैल रहे हंै। इसके साथ ही अधिकांश उल्टी-दस्त व हीट स्ट्रोक से पीड़ित जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा वायरल बुखार भी तेजी से फैल रहा है। सरकारी अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ बढ़ रही है। बीते 15 दिनों में मौसम में हुए कई बदलाव के कारण अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। सुबह व शाम के निर्धारित समय को छोड़कर इमरजेंसी में भी लगातार मरीज पहुंच रहे है। इनमें अकस्मात चक्कर आना, जी मचलाना, उल्टी तथा सांस संबंधी मरीज रोजाना इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा लूज मोशन तथा स्किन की परेशानी के मरीज भी बढ़े हैं।
डॉक्टर की मानें तो मौसम में तेजी से हो रहे बदलावों का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। अस्पताल में पहले की अपेक्षा 20 फीसदी तक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल की जिस ओपीडी की संख्या प्रतिदिन में 450 से 500 रहती थी, वह अब बढकर 700 से 800 तक पहुंच गई है। मौसम में हुए बदलाव से विभिन्न मौसमी बीमारियों को लेकर ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। इनमें वायरल से पीड़ित मरीज भी शामिल हैं।
0 सेहत का है सवाल, ऐसे करें बचाव
चिकित्सकों की मानें तो मौसम में एकाएक गरम होने पर लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। इन दिनों पेट की बीमारियों, बुखार और डिहाइड्रेशन की सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। तेज गर्मी होने के कारण पसीना ज्यादा आ रहा है, लेकिन लोग जरूरत के अनुसार पानी नहीं पी रहे हैं। फिलहाल खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है और प्रयास करें कि तेज धूप के दौरान ज्यादा देर तक धूप में खड़े न रहें। प्रतिदिन 3 लीटर पानी जरूर पीएं। हाइड्रेटेड रहने का सबसे आसान नियम है पानी पीना है। एक व्यस्क को प्रतिदिन 2-3 लीटर पानी-पीने की सलाह एक्सपर्ट भी देते हैं। गर्मी में अधिक पसीना आने से डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। ध्यान रखें सर्द-गर्म से बचने के लिए कभी भी बाहर से आकर फ्रिज का ठंडा पानी या जूस ना पीयें।

Spread the word