November 24, 2024

जीएम कुसमुंडा बैकफुट पर, वापस लिया आदेश

0 अफसर नागरकर को ही बताया था मौत का जिम्मेदार
कोरबा।
एसईसीएल कुसमुंडा महाप्रबंधक राजीव सिंह ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें कार्य के दौरान मोबाइल पर गेम खेलने का हवाला देते हुए जितेन्द्र नागरकर को ही अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। महाप्रबंधक ने 31 जुलाई 2024 को एक दूसरा आदेश निकाला।
बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि जांच के दौरान फ्रंट लाइन सुपरवाइजर के बयान के आधार पर इस कार्यालय से जारी कार्यालय आदेश संख्या एसईसीएल/जीएम/केए/24-25/84 दिनांक 29.07.2024 को वापस लिया जाता है तथा इसे अमान्य माना जाएगा। इसके पहले 29 जुलाई को एक आदेश में महाप्रबंधक ने सहायक प्रबंधक (खनन) जितेन्द्र नागरकर को ही अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। 27 जुलाई को खदान में तेज बारिश के बीच ओवर बर्डन में पानी के ओवर फ्लो होने के कारण लैंडस्लाइड की घटना हुई थी। इसमें जितेन्द्र नागरकर बह गए थे और उनकी मौत हो गई थी। 29 जुलाई के आदेश में कहा था कि दुर्घटना की जांच में पता चला कि भारी बारिश के समय कार्यपालक मोबाइल पर गेम खेल रहा था। गुमटी में मौजूद लोगों ने उसे बार-बार स्थिति के भयावह होने की चेतावनी दी, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया और गेम खेलना जारी रखा, जिसके परिणामस्वरूप खतरनाक घटना घटी और मृत्यु हो गई। जांच से प्राप्त निष्कर्षों और तथ्यों के मद्देनजर, फील्ड, वर्कशॉप और कार्यालयों में काम करने वाले सभी कार्यपालकों, पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे कार्यस्थल पर मोबाइल पर गेम खेलने से बचें और अपने काम के प्रति सजग और गंभीर रहें। मोबाइल पर गेम खेलने के संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
0 15 घंटे के रेस्क्यू के बाद मिला था शव
यहां बताना होगा कि 27 जुलाई को साढ़े 4 बजे करीब एसईसीएल कुसमुंडा खदान में बारिश के पानी के ओवर फ्लो होने कारण ओवर बर्डन के मलबे के साथ सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर बह गए थे। 15 घंटे के रेस्क्यू के बाद दूसरे दिवस उनकी लाश मलबे में मिली। बारिश से बचने के लिए खदान क्षेत्र में स्थित एक गुमटी में छह लोग रूके हुए थे। बारिश नहीं थमने पर सभी ने यहां से निकलने की सोची। इसी बीच ओवर बर्डन की मिट्टी तेजी से बहकर नीचे की ओर आने लगी। वे इसकी चपेट में आ गए। पांच लोग किसी तरह मलबे के बहाव से बाहर निकल आए, लेकिन सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर ओवर बर्डन के मलबे में बह गए। एसईसीएल प्रबंधन ने एसडीआरएफ के साथ तत्काल बचाव कार्य प्रारंभ किया था।

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