November 21, 2024

धान और मक्का बेचने वाले नये किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक

  • पुराने किसानों को धान और मक्का बिक्री के लिए नहीं कराना पड़ेगा पंजीयन, लेकिन रकबे का होगा सत्यापन
  • अभी तक एक हजार 100 से अधिक नये किसानों ने कराया पंजीयन, 52 प्रतिशत किसानों के रकबे का सत्यापन
  • रकबा सत्यापन का काम किसी भी परिस्थिति में 31 अक्टूबर तक हो पूरा- कलेक्टर श्रीमती कौशल

कोरबा 19 अक्टूबर 2020. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का बेचने वाले नये किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक किया जा रहा है। जिले में अभी तक एक हजार 104 नये किसानों ने धान बेचने के लिये समितियों में अपना पंजीयन कराया है। शासन के निर्देशानुसार धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानो को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की आवश्यकता नहीं है। पिछले वर्ष 27 हजार 694 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये सहकारी समितियों में पंजीयन कराया था। इन्हें मिलाकर इस वर्ष नये-पुराने 28 हजार 718 किसानों का पंजीयन कर खेतों में लगे धान के वास्तविक रकबे का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है और उसे खसरे में इंद्राज किया जा रहा है। पिछले वर्ष के पंजीकृत किसानों में से अभी तक 14 हजार 315 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन किया जा चुका है। अभी तक सत्यापन के बाद 80 किसानों के रकबे को निरस्त किया गया है। शेष बचे 13 हजार 299 किसानों के धान के रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमले द्वारा अगले दस-ग्यारह दिनों में पूरा कर लिया जायेगा। इस प्रकार जिले में अब तक नये-पुराने मिलाकर 15 हजार 419 किसानों के धान के रकबे को सत्यापित कर खसरे में इंद्राज किया गया है। खसरे में इंद्राज रकबे के अनुसार नये-पुराने मिलाकर जिले में अब तक 24 हजार 344 हेक्टेयर से अधिक धान फसल का रकबा सत्यापित हो चुका है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शेष बचे किसानों के धान के रकबे के सत्यापन काम में तेजी लाने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारांे और नायब तहसीलदारों सहित पटवारियों को भी दिये हैं। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में धान खरीदी के लिये वास्तविक रकबे का सत्यापन 31 अक्टूबर तक करने के सख्त निर्देश दिये हैं।
धान एवं मक्का खरीदी के लिये जारी शासकीय निर्देशों के अनुसार जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2019-20 में धान और मक्का बेचने का पंजीयन करा लिया था, उन्हें नए पंजीयन की जरूरत नहीं है। पिछले सीजन में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग द्वारा अद्यतन किया किया जा रहा है। खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया गया है। धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान 31 अक्टूबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं। धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं तो समिति माॅड्युल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा दी जा रही है।
राज्य शासन के खाद्य विभाग के अनुसार नये किसानो को पंजीयन के लिए समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे एवं खसरे का पटवारी द्वारा राजस्व रिकाॅर्ड के अनुसार सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा। संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के द्वारा परीक्षण करने के बाद नये किसान का पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा। आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा।

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