November 7, 2024

वारंटी को पकड़ा फिर छोड़ दिया

न्यूज एक्शन। चेक बाउंस के एक मामले में सतना पुलिस की टीम वारंटियों को पकडऩे कोरबा पहुंची थी। पुलिस की दबिश के दौरान एक वारंटी धरा गया। दो अन्य वारंटी नहीं मिले। आपसी चर्चा के बाद हाथ लगे वारंटी को छोड़कर सतना पुलिस रवाना हो गई। इसे लेकर लेनदेन की चर्चा की बाजार गर्माया हुआ है। वहीं कोतवाली टीआई की मानें तो दोनों पक्षों के आपसी चर्चा उपरांत सतना पुलिस ने वारंटी को तामिल करने के बजाए छोड़ दिया है।
बताया जाता है कि कोरबा के एक व्यापारी ने अपना चेक देकर 45 लाख रुपए अन्य व्यवसायी से लिया था। रकम वापसी के दौरान उक्त चेक बाउंस हो गया था। इस मामले में मध्यप्रदेश के सतना थाना में चेक बाउंस का मामला दर्ज किया गया था। विस चुनाव के मद्देनजर वारंटियों की तामिली की जा रही है। उक्त मामले में अग्रोहा मार्ग निवासी नटराज होटल के पूर्व संचालक एवं अग्रवाल सभा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल के पुत्र राकेश अग्रवाल उर्फ सोनू व दो अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। इस सिलसिले में सतना पुलिस वारंटियों को पकडऩे कोरबा पहुंची थी। सतना पुलिस के हाथ राकेश अग्रवाल उर्फ सोनू लग गया, लेकिन दो अन्य वारंटी पकड़े नहीं गए। सतना पुलिस ने आपसी चर्चा के बाद राकेश अग्रवाल को कोरबा में ही छोड़ दिया है। वारंट की तामिली नहीं किए जाने को लेकर सिटी कोतवाली निरीक्षक रघुनंदन प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस मामले के पक्षकारों के बीच चर्चा उपरांत राकेश अग्रवाल को छोड़ दिया गया है। उक्त मामले की संभवत: 13 अक्टूबर को पेशी है। वहीं वारंटी को पुलिस द्वारा छोड़े जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। जनचर्चाओं में आपसी लेनदेन कर वारंटी को छोड़े जाने की बात सुनने को मिल रही है। चर्चा तो इस बात की है कि एक बड़ी रकम लेकर वारंटी को छोड़ा गया है। इस तरह की चर्चा लोगों के बीच सुर्खियां बनी हुई है।

रसूखदारों का नहीं हो रहा वारंट तामिल
विधानसभा चुनाव को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने वारंट तामिल किया जा रहा है, लेकिन जिले में कोतवाली पुलिस द्वारा रसूखदारों का वारंट तामिल नहीं किए जाने की चर्चा चल रही है। कोतवाली पुलिस अमीरो पर रहम, गरीबों पर सितम की तर्ज पर काम कर रही है। सूत्रों की मानें तो रसूखदारों का वारंट कोतवाली पुलिस द्वारा तामिल नहीं किया जा रहा है। जानबूझकर रसूखदार वारंटियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में कोतवाली पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। जिला पुलिस महकमा द्वारा वारंट की तामिल कर वारंटियों को पकड़ा जा रहा है, लेकिन कई ऐसे रसूखदार भी हैं जिनके खिलाफ वारंट है लेकिन उन्हें तामिल नहीं किया जा रहा है। फिलहाल जनचर्चाओं में सच्चाई कितनी है यह तो पुलिस ही बेहतर बता सकती है। विधानसभा चुनाव को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने वारंट तामिल किया जा रहा है, लेकिन जिले में कोतवाली पुलिस द्वारा रसूखदारों का वारंट तामिल नहीं किए जाने की चर्चा चल रही है। कोतवाली पुलिस अमीरो पर रहम, गरीबों पर सितम की तर्ज पर काम कर रही है। सूत्रों की मानें तो रसूखदारों का वारंट कोतवाली पुलिस द्वारा तामिल नहीं किया जा रहा है। जानबूझकर रसूखदार वारंटियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में कोतवाली पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। जिला पुलिस महकमा द्वारा वारंट की तामिल कर वारंटियों को पकड़ा जा रहा है, लेकिन कई ऐसे रसूखदार भी हैं जिनके खिलाफ वारंट है लेकिन उन्हें तामिल नहीं किया जा रहा है। फिलहाल जनचर्चाओं में सच्चाई कितनी है यह तो पुलिस ही बेहतर बता सकती है।

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