November 7, 2024

मूलभूत, 14वे वित्त मद से लाखों रुपयों का गबन करने वाले जेमरा के सरपंच- सचिव पर कार्यवाही की मांग को लेकर उपसरपंच सहित पंचों ने खोला मोर्चा

तीन दिवस के भीतर नही हुई कार्यवाही तो जनपद कार्यालय के सामने देंगे अनिश्चितकालीन धरना

कोरबा 20नवम्बर। जिले के पाली जनपद पंचायत अंतर्गत बीहड़ वनांचल एवं पहाड़ी क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत जेमरा के उपसरपंच भंवरसिंह सहित सभी 10 पंचों द्वारा सरपंच राजकुमार जगत एवं सचिव निर्मलदास मानिकपुरी के भ्रष्ट्राचार के विरुद्ध कार्यवाही को लेकर मोर्चा खोल रखा है।जहाँ मूलभूत एवं 14वे वित्त मद के लाखों की राशि गबन की शिकायत पर जांच उपरांत लाखों का वसूली योग्य पाए जाने पश्चात भी सरपंच- सचिव पर कोई कार्यवाही नही होने को लेकर क्षुब्ध सभी पंचों की ओर से उपसरपंच द्वारा पाली सीईओ को शिकायतपत्र के माध्यम से तीन दिवस का अल्टीमेटम दिया गया है।उक्त अवधि में कार्यवाही नही होने पर जनपद पंचायत कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।

ज्ञात हो कि यहाँ के सभी पंचों द्वारा सरपंच- सचिव पर मनमानी और मूलभूत, 14वे वित्त के अलावा शासकीय निर्माण कार्यों की राशि का भी गबन तथा मजदूरी राशि भुगतान लंबित व पंचायत कार्यों एवं योजनाओं से जुड़ी कोई भी जानकारी नही देने सहित शराब के नशे में अक्सर पंचों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का आरोप लगाकर इस आशय की शिकायत गत 24 अगस्त 2020 को कटघोरा एसडीएम एवं 25 अगस्त को पाली सीईओ एमआर कैवर्त से लिखित तौर पर कर सरपंच- सचिव के विरुद्ध उचित जांच व कार्यवाही की मांग की गई थी तथा कार्यवाही नही होने पर अपने पद से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय भी लिया गया था।शिकायत के आधार पर पाली सीईओ द्वारा टीम गठित कर जांच का जिम्मा सौंपा गया जहाँ जांच दल द्वारा 21 सितंबर को जेमरा पहुँचकर शिकायत की जांच की गई जिसमे भारी- भरकम गबन पाते हुए करीबन अठारह लाख रुपए वसूली योग्य पाया गया।लेकिन उचित कार्यवाही किये जाने को लेकर जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को अबतक नही भेजा गया बल्कि गबनकारी सरपंच- सचिव को बचाने के फेर में जनपद के अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा पंचों के मध्य आपसी सहमति बनाई गई।जिसके तहत सरपंच- सचिव द्वारा 23 अक्टूबर को शपथपत्र जारी कर 30 अक्टूबर तक सभी लंबित राशि का भुगतान किए जाने के अलावा बिना प्रस्ताव किसी भी मद या योजना से राशि आहरण नही करने तथा बिना कार्य के आहरित किये गए लाखों की राशि को जमा करने की बात कही गई थी।लेकिन उक्त तिथि तक किसी भी प्रकार का कोई भी भुगतान नही किया गया और ना ही बिना कार्य निकाली गई राशि का समायोजन किया गया।जिसकी 05 नवंबर को पंचों द्वारा पाली सीईओ से पुनः शिकायत कर सरपंच- सचिव द्वारा जारी शपथपत्र को शून्य मानकर शिकायत यथावत रखते हुए उचित कार्यवाही की मांग की गई थी।लेकिन कार्यवाही ना होने से क्षुब्ध पंचों की ओर से उपसरपंच द्वारा बीते 18 नवंबर को पुनः लिखित शिकायतपत्र पाली सीईओ को सौंपा गया है जिसमे उल्लेख है कि यदि तीन दिवस के भीतर सरपंच- सचिव पर उचित कार्यवाही नही किया जाता है तब उक्त अवधि पश्चात सभी पंचगण जनपद कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना के लिए विवश होंगे।इस विषय पर उपसरपंच भंवरसिंह ने कहा है कि पाली जनपद कार्यालय के अधिकारियों- कर्मचारियों द्वारा लाखों रुपए गबन के दोषी सरपंच- सचिव को बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।जिसके कारण जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को नही भेजा गया है।दूसरी ओर बिना कार्य कराए लाखों की राशि का आहरण करने वाले गबनकारी सरपंच- सचिव कार्यवाही से बचने हेतु फर्जी बिल बाउचर तैयार कराने की प्रक्रिया को अंजाम देने में लगे है ताकि कार्यवाही तथा राशि समायोजन से बचा जा सके।यदि उनके शिकायत पर तीन दिवस के भीतर उचित कार्यवाही नही किया जाता है तब सभी पंचगण ग्रामीणों के साथ जनपद पंचायत कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी जनपद सीईओ की होगी।

जनपद कार्यालय में वर्षों से जमे रहकर भ्रष्ट्राचारी सरपंचों- सचिवों को संरक्षण प्रदान करने वाले शिक्षा विभाग के एक बाबू पर भी हो मूल विभाग भेजने की कार्यवाही:- जनपद कार्यालय में अटैचमेंट पर वर्षों से अंगद की पांव की तरह जमे रहकर पंचायत की नैया डुबाने वाले भ्रष्ट्राचारी सरपंचों- सचिवों को शह देने वाले आदिम जाति कल्याण विभाग के एक बाबू को भी उसके मूल पदस्थापना स्थल पर भेजे जाने की आवश्यकता है।क्योंकि अटैचमेंट में लगभग 25 वर्षों से अधिक समय से जनपद में जमे उक्त चर्चित बाबू के कार्यप्रणाली से विभागीय व्यवस्था काफी लचर हो चली है तथा उनके संरक्षण में भ्रष्ट्राचार को अंजाम देने वाले सरपंच- सचिव के हौसले भी बुलंद हो चले है जहाँ वे ग्राम विकास के लिए आए राशि का जमकर दुरुपयोग करने में जरा भी नही हिचकिचाते तथा बेखौफ होकर जनता के पैसों को डकार जाते है।ऐसे में जनपद की कुर्सी पर वर्षों से चिपके बाबू को उसके मूल पदस्थापना स्थल वाले विभाग में भेजे जाने हेतु जिला प्रशासन को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भ्रष्ट्राचार को अंजाम देने वाले सरपंचों- सचिवों के हौसले पस्त हो और लचर हो चले जनपद कार्यालय के कार्यों पर भी कसावट आ सके।

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