रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप की 24713 करोड़ रुपये की डील को मिली मंजूरी.. Amazon को झटका
एमेजॉन ने इस डील का विरोध करते हुए सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का रुख किया था. वहीं इस मामले में मध्यस्थता कोर्ट ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला दिया था और डील पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अब रिलायंस इंडस्ट्रीज को फ्यूचर ग्रुप के कारोबार का अधिग्रहण करने में आसानी होगी. वहीं सीसीआई की मंजूरी अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन के लिए एक बड़ा झटका है.
दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के बीच एक डील हुई थी. इस डील के तहत रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, थोक, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया गया था. इस सौदे को अब सीसीआई ने मंजूरी दे दी है. वहीं दूसरी तरफ एमेजॉन की ओर से रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की इस डील का लगातार विरोध किया जा रहा है.
एमेजॉन ने इस डील का विरोध करते हुए सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का रुख किया था. वहीं इस मामले में मध्यस्थता कोर्ट ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला दिया था और डील पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके अलावा एमेजॉन ने बाजार नियामक सेबी, स्टॉक एक्सचेंज और सीसीआई को चिट्ठी लिखकर मध्यस्थता कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर कार्यवाही करने को कहा था.
Amazon से कंपटीशन
बता दें कि रिलायंस देश में रिटेल कारोबार का विस्तार करना चाहती है और इसलिए यह डील की गई है. वहीं रिटेल सेक्टर में रिलायंस रिटेल को जेफ बेजोस की ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन से काफी ज्यादा कंपटीशन मिल रहा है. वहीं सीसीआई के अलावा, इस डील के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से मंजूरी चाहिए. इसके अलावा लेनदारों और अल्पसंख्यक शेयरधारकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जरूरी है.
वहीं मंजूरी मिलने के साथ ही रिलायंस रिटेल को फ्यूचर ग्रुप के देश भर में फैले 1800 स्टोर का एक्सेस मिल जाएगा. इसमें फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, एफबीबी, ईजीडे, सेंट्रल फूडहॉल फॉर्मेट्स के स्टोर शामिल हैं. देश भर के 420 शहरों में फ्यूचर ग्रुप के स्टोर मौजूद हैं.
क्या है मामला?
बता दें कि एमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप को कानूनी नोटिस जारी किया था और यह आरोप लगाया था कि कंपनी ने अपनी 24,713 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचकर उनके साथ किए गए करार का उल्लंघन किया है. जिसके बाद एमेजॉन ने मामले को लेकर सिंगापुर में मध्यस्थता कोर्ट में केस दायर किया था.