त्यौहारी सीजन में अमले की कमी, प्रभावित हो रही यातायात व्यवस्था
न्यूज एक्शन। जिले में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से बचाए रखने के लिए यातायात पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्य रूप से शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में इन्हें तैनात किया जाता है। इनकी भूमिका यातायात को व्यवस्थित करने के साथ-साथ त्योहारी सीजन में अपराधिक घटनाओं को रोकने में भी अहम रहती है। चौक चौराहें में तैनात रहने के कारण जैसे ही खबर मिलती है।तत्काल नाकाबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया जाता है। इसके कारण कई बार अपराधी भी पकड़े गए है।
यातायात थाना वर्तमान में बल की कमी से जूझ रहा है। ऐसा नहीं है कि थाने में पर्याप्त बल नहीं है। थाना में यातायात की दृष्टि से बल तो ठीक ही कहा जा सकता है लेकिन वर्तमान में चुनाव आचार संहिता लगने और कई स्थानों पर दुर्गा पूजा के साथ-साथ मंदिरों में विशेष भीड़ रहती है। ऐसी स्थिति में बल की कमी पूरी करने के लिए दूसरे जिलों से भी बल बुला लिया जाता है। चूंकि चुनाव आचार संहिता लगी है और नेताओं का आगमन भी हो रहा है। जिसके कारण कोरबा जिले में पदस्थ यातायात पुलिस के जवान एवं सहायक उपनिरीक्षकों की ड्यूटी भी व्हीआईपी के लिए लगाई जा रही है। डोंगरगढ़ बमलेश्वरी मंदिर में भी ड्यूटी के लिए यहां से 1-4 का बल रवाना किया गया है जिसमें एक सहायक उपनिरीक्षक , एक हवलदार व तीन आरक्षक शामिल है। इसके अतिरिक्त व्हीआईपी ड्यूटी के लिए लगातार बल भेजा जा रहा है। जिसके कारण यातायात थाना में बल की कमी बन गई है चंूकि नवरात्रि में मंदिरों व पूजा पंडालों में भीड़ रहती है इस दौरान यातायात को व्यवस्थित रखने के लिए विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है। जिले के शक्तीपीठों मड़वारानी, सर्वमंगला मंदिर, महिषासुर मंर्दनी, चैतुरगढ़ और कोसगई छुरी में भी यातायात के जवानों को तैनात किया जाता है। चूंकि बल की कमी बनी हुई है इस कारण सीमित बल ही इन स्थानों पर भेजा जा रहा है। नवरात्रि में भीड़भाड़ अधिक होने के कारण बल की कमी से शहर की यातायात व्यवस्था चरमराने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। यातायात थाना में निरीक्षक समेत 53 लोगों का बल पदस्थ है। जिसमें चार एएसआई, आठ हवलदार और बांकी सिपाही शामिल है। चूंकि जिले से विभिन्न स्थानों पर व्हीआईपी ड्यूटी के लिए यातायात थाना बल को भेजा गया है। इसमें दो सहायक उपनिरीक्षक , तीन प्रधान आरक्षक और 17 जवान शामिल है। इस तरह आधा बल जिले से बाहर और आधे बल के भरोसे यातायात व्यवस्था को संभालना नवरात्रि और दशहरे के समय पुलिस के लिए परेशानी भरा सबब होगा।