भाजपाई कहते थे उइके का मानसिक संतुलन खराब, अब कर रहे आदर सत्कार
न्यूज एक्शन। जिले की सियासत में चल रही चर्चाओं के अनुसार अब यह माना जाने लगा है कि रामदयाल उइके का भाजपा में शामिल होते ही मानसिक संतुलन सुधर गया है और उन्हें कल तक फूटी आंख नही सुहाने वाले नेता भी सरआंखों पर बैठा रहे है। क्या भाजपा में कोई मानसिक आरोग्य शाला चल रही है। जहां आते ही लोगों का मानसिक संतुलन सुधर जाता है।
कोरबा जिले के पाली तानाखार के विधायक रामदयाल उइके तीन माह पहले कांग्रेस के संकल्प शिविरों में भारतीय जनता पार्टी पर तीखे जुबानी हमले कर रहे थे और उनके द्वारा भाजपा को आदिवासी विरोधी पार्टी करार दिया गया था। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने भाजपा को छत्तीसगढ़ की सत्ता से हटाने के लिए लाठी, गोली चलाने की बात भी कहीं थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने आम लोगों से यह आग्रह भी किया था कि भाजपा वाले शराब और पैसा बांटते है तो उसे ले ले। लेकिन वोट कांग्रेस को दें। इन सब बातों को देखते हुए जिला भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनका मानसिक संतुलन बिगड़ जाने की बात कहीं गई थी। जिसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया हो उसे भाजपा में किस आधार पर प्रवेश दे दिया गया। यह सवाल राजनीति के जानकारों में चर्चा का विषय बना हुआ है । क्या भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते ही श्री उइके का मानसिक संतुलन ठीक हो गया है। उन्हें आदिवासी विरोधी पार्टी आदिवासियों की सरपरस्त कैसे नजर आने लगी। वहीं भाजपा के नेता जो उन्हें कल तक निशाने पर रख रहे उनका पलक पावड़े बिछाकर किस तरह से सम्मान कर रहे है। यह सोचने वाली बात है।
उइके के बयानों पर टिप्पणी का दौर
भाजपा में शामिल होते ही जहां उइके के मानसिक संतुलन सुधरने की चर्चाएं तेज है। वहीं भाजपा प्रवेश के बाद उइके के हर एक बयान का पोस्टमार्टम करने वाले राजनीतिक डॉक्टर भी कम नहीं है। भाजपा को कल तक उइके आदिवासी विरोधी पार्टी बताकर सूबे के मुखिया पर करारा जुबानी हमला कर रहे थे। जब कोरबा में सोमवार को उइके ने पत्रकार वार्ता ली तो उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को चौथी बार मुख्यमंत्री बनाने की बात कहीं। कांग्रेस में रहते हुए आदिवासी मुख्यमंत्री का राग अलापने वाले उइके से जब पत्रकारों ने पूछा भाजपा में शामिल होने के बाद भी वे आदिवासी मुख्यमंत्री की पैरवी करेंगे तो वे सवालों को टाल गए या कहें कि जवाब देने से बचते नजर आए। इसके अलावा उइके डीएमएफ फंड में भ्रष्टाचार का आरोप राज्य सरकार पर लगाते रहे है। जैसे ही पाला बदला उनके सुर बदल गए। प्रेस वार्ता में उन्होंने डीएमएफ फंड से विकास की बातें कही। उन्होंने कहा कि इस फंड से कोरबा का विकास हुआ है। उइके ने पाला क्या बदला अब उनके हर एक बयानों को लेकर पोस्टमार्टम होने लगा है। यह पीएम रिपोर्ट उइके की राजनीतिक लाइफ लाईन के लिए सही नहीं कहीं जा सकती।
सीडी कांड पर उइके हुए फास्ट फार्वड
पत्रकार वार्ता के दौरान रामदयाल उइके ने कहा कि कांग्रेस में आदिवासी नेतृत्व को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का इसे प्रमुख कारण बताया। इसके अतिरिक्त उइके ने कांग्रेस के अंदर सीडी कांड के दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है।