विद्यार्थीयों को ऑनलाइन क्लासेस से वंचित नहीं कर सकते निजी विद्यालय.. निजी स्कुलों, अभिभावकों व जिला फीस समिति की बैठक में हुआ निर्णय
शिक्षण शुल्क के अलावा कोई भी अन्य शुल्क नहीं ले सकेंगे निजी विद्यालय, शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भी नहीं कर सकते कम
कोरबा 25 दिसंबर। जिले के निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले किसी भी विद्यार्थी को ऑनलाइन क्लासेस से वंचित नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही निजी विद्यालय कोरोना काल के लिए विद्यार्थियों से केवल शिक्षण शुल्क ही ले सकेंगे। अधिक शुल्क वसूलने या ऑनलाइन क्लासेस से वंचित करने पर स्कूल प्रबंधनों के विरूद्ध कार्रवाई होगी। जिला फीस समिति के सदस्यों और जिले के अशासकीय विद्यालयों के प्रबंधकों, अभिभावकों और नोडल अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक कलेक्टर सभा कक्ष में हुई। अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय अनुसार कोविड काल के लिए केवल शिक्षण शुल्क जमा करने की जानकारी अपर कलेक्टर ने दी। बैठक में बताया गया कि जिले में शुल्क में रियायत के लिए 723 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से निजी विद्यालयों ने 702 पालकों को परीक्षण के बाद शुल्क मे रियायत दी है। बैठक में स्कूलों और नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ऐसे पालक जिन्हें एक मुश्त शुल्क जमा करने में कठिनाई हो या शुल्क में रियायत चाहते हों, उनके आवेदनों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर निर्णय करें। बैठक में पालकों से भी यह आग्रह किया गया कि सक्षम पालक निर्धारित शुल्क जमा करें ताकि विद्यालय में पदस्थ शिक्षक और अन्य कर्मचारियों को वेतन देने में संस्था को परेशानी ना हो। बैठक में यह भी बताया गया कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कोई भी निजी विद्यालय अपने कार्यरत किसी शिक्षक या कर्मचारी का वेतन ना तो रोकेगा ना ही कम करेगा।
बैठक में अपर कलेक्टर ने सभी निजी संस्थाओं को सख्त हिदायत दी की किसी भी कारण से किसी भी विद्यार्थी को ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित ना करें। यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाइन नहीं जुड़ पा रहा है तो यह संस्था को दायित्व होगा कि वह विद्यार्थी को अन्य माध्यम से शिक्षण सामग्री प्रदान करें और उसे पढ़ाई से जोड़े रखें। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पाण्डेय ने बताया कि किसी भी विद्यार्थी के शिक्षण प्रक्रिया में रूकावट डालकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि स्कूल शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य शुल्क भी ले रहें हैं तो नोडल अधिकारी परीक्षण कर गत सत्र के शिक्षण शुल्क को अलग कर पालकों को सूचित करेंगे और विद्यालय के सूचना पटल पर ऐसी जानकारी चस्पा भी करेंगे। बैठक में अशासकीय विद्यालय फीस विनियम और विद्यालय फीस समिति द्वारा फीस निर्धारण की पूरी जानकारी भी दी गई।