July 7, 2024

कोरबा की बेटी हुई जांजगीर चाम्पा में दहेज प्रताड़ना की शिकार: पुलिस कर रही लीपा पोती के प्रयास

महिला उत्पीड़न पर डी. जी. पी. का फरमान बेअसर

कोरबा 4 जनवरी। यहां की एक नव-विवाहिता पड़ोसी जिला जांजगीर चाम्पा के सक्ती थाना क्षेत्र में दहेज प्रताड़ना का शिकार हो गयी। मामला सुलझाने पहुंचे नव-विवाहिता के परिजनों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया। डायल 112 पुलिस ने आतताइंयों के चंगुल से मुक्त कराया, लेकिन सक्ती थाना पुलिस ने महिला और दहेज उत्पीड़न के गंभीर मामले को सामान्य मारपीट में बदल दिया।

जानकारी के अनुसार मूल रूप से पंडरीपानी गांव के और हाल मुकाम काशीनगर निवासी दादूलाल पटेल ने अपनी बेटी शुक्रिता पटेल की शादी जांजगीर चाम्पा जिले के सक्ती थाना क्षेत्र में बसंतपुर निवासी भगऊराम पटेल के बेटे गौरीलाल से 29 मई 2018 को की थी। बेटी को यथाशक्ति दहेज देने के अलावे वर पक्ष की मांग पर होण्डा साईन मोटर सायकल भी दी थी। शादी के समय गौरीलाल महतारी एक्सप्रेस में कार्यरत था। शादी के तीन-चार माह बाद उसने नौकरी छोड़ दी और घर पर ही रहने लगा। पिछले कुछ माह से वह चारपहिया वाहन की मांग अपने ससुर से कर रहा था। मांग पूरी नहीं होने पर उसने शुक्रिता पटेल से मारपीट शुरू कर दी।

लगातार हो रही मारपीट से पीड़ित युवती ने अपने माता- पिता को इस बात की सूचना दी। युवती की मां, नानी, भाई आदि लोग युवक को समझाईश देने 26 दिसम्बर 2020 को बसंतपुर पहुंचे। वहां सभी लोगों को बंधक बनाकर गौरीलाल और उसके परिजनों ने एक कमरे में बंद कर दिया। घटना की सूचना गांव के ही किसी व्यक्ति ने डायल 112 पुलिस को दी। पुलिस गांव पहुंची तो उसे ऐसी किसी घटना से इनकार कर वापस भेज दिया गया। इसके बाद युवती सहित उसके सभी परिजनों को कमरे से बाहर लाकर उनका हाथ बांधकर आंगन में खड़ा किया गया और बेरहमी से उसके साथ मारपीट की गयी। एक बार फिर डायल 112 पुलिस को सूचना मिली, तो पुलिस मौके पर पहुंची। बंधकों का बंधे हुए हालत में फोटोग्राफी की गयी और उन्हें मुक्त कराया गया। सभी पीड़ितों को सक्ती थाना ले जाया गया।

आश्चर्य की बात है कि पीड़ित पक्ष द्वारा सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी देने के बावजूद सक्ती थाना पुलिस ने केवल मारपीट की सामान्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। न तो पीड़ितों की बंधक बनाने की धारायें लगायी गयी और ना ही दहेज उत्पीड़न की। आरोपियों के खिलाफ एक सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। याद रहे कि प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक डी. एम. अवस्थी ने महिला उत्पीड़न के मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई का निर्देश हाल ही में जारी किया है। बावजूद इसके इस गंभीर मामले में सक्ती पुलिस की लीपापोती की कोशिश अपने मुखिया को मुंह चिढाता प्रतीत हो रहा है।

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